हीटस्ट्रोक में सबसे पहले व्यक्ति को ठंडा करने का करें प्रयास : मौसम वैज्ञानिक

कानपुर, 19 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में राजस्थान से आ रही गर्म हवाओं से भीषण गर्मी पड़ रही है। यही नहीं हवा में आर्द्रता की कमी से 44.5 डिग्री सेल्सियस का तापमान 48 डिग्री के बराबर तापमान का एहसास करा रहा है। ऐसे में हीट वेब की संभावना बन गई है और लोग हीट स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में हीटस्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के लिए फौरन एंबुलेंस की सहायता लेनी चाहिये। लेकिन इस बीच एंबुलेंस के इंतजार में समय न बर्बाद करें और सबसे पहले व्यक्ति को ठंडा करने का प्रयास करना चाहिये। यह बातें रविवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने कही।

उन्होंने बताया कि हीटस्ट्रोक के लिए तत्काल चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। यदि आप एम्बुलेंस के आने का इंतजार कर रहे हैं, तो जितना संभव हो सके व्यक्ति को ठंडा करने का प्रयास करें। गर्दन, कमर और बगल पर आइस पैक फौरन लगाएं और थोड़ा नमकीन तरल पदार्थ, जैसे स्पोर्ट्स ड्रिंक या नमकीन पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें। पीड़ित व्यक्ति को ठंडे, छायादार, हवादार वातावरण में ही लिटाएं। यदि संभव हो तो उन्हें ठंडे पानी में डुबोएं। उन पर पानी छिड़कें और उनके शरीर पर हवा डालें (वाष्पीकरणीय शीतलन)। उनकी सांसों की सावधानीपूर्वक निगरानी करना और वायुमार्ग की किसी भी रुकावट को दूर करते रहें। एस्पिरिन और एसिटामिनोफेन सहित कोई दवा न दें। कभी-कभी ठंडे पानी से धोना आवश्यक होता है। यह उपचार शरीर की गुहाओं को ठंडे पानी से भरने के लिए कैथेटर (पतली, लचीली ट्यूब) का उपयोग करता है। यह समग्र रूप से शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश

   

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