लोक अदालतों में राजीनामा योग्य प्रकरणों का हो अधिक से अधिक निराकरण : मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा

लोक अदालत की तैयारियों के संबंध में आयोजित की गई बैठक

रायपुर/बिलासपुर, 2 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की अध्यक्षता में आगामी 13 जुलाई को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत की तैयारियों के संबंध में आज मंगलवार को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में बैठक आयोजित की गई।

बैठक में न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी तथा न्यायाधीश, छत्तीसगढ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल विशेष रूप से उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, सचिव, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालत के चेयरमेन, सीजेएम, लेबर जज बैठक में शामिल हुए।

बैठक में मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने सभी न्यायाधीशों से आगामी नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में चिन्हांकित कर निराकृत किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने न्यायालयों में 5 वर्ष एवं 10 वर्ष से अधिक समय से लंबित राजीनामा योग्यप्रकरणों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं, विद्युत वितरण कंपनियों, बीएसएनएल, बीमा कंपनियों एवं अन्य के द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले प्री-लिटिगेशन आवेदनों के पक्षकारों की प्री-सिटिंग करा अधिक-से-अधिक प्री-लिटिगेशन मामलों के निराकरण की आवश्यकता बताई ताकि ऐसे मामले न्यायालय में संस्थित होने से पहले ही निराकृत हो जाये। उन्होंने कहा कि पक्षकारों की सहमति से एवं विधि अनुसार अधिक-से-अधिक राजीनामा योग्य मामलों का निराकरण करने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी का यथोचित प्रयास अपेक्षित है।

मुख्य न्यायाधिपति ने उच्चतम न्यायालय में 29 जुलाई 2024 से 03 अगस्त 2024 तक विशेष लोक अदालत के आयोजन की महत्वपूर्ण पहल पर उच्चतम न्यायालय द्वारा छत्तीसगढ राज्य से संबंधित चिन्हांकित प्रकरणों में राजीनामा की संभावनाओं पर राज्य के समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा की जा रही कार्यवाहियों की समीक्षा की और समस्त प्रधान जिला न्यायाधीशों को निर्देशित किया कि विशेष रूचि लेकर पक्षकारों को नोटिस तामीली करा उनकी प्री-काउसिंलिंग इत्यादि हेतु समुचित कार्यवाही करें और सतत् निगरानी करें।

इस वर्चुअल बैठक में न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी, न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वीडियो कान्फ्रेंस में शामिल जिलों के समस्त न्यायाधीशों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें लोक अदालतों में पूर्ण उत्साह और पूर्ण क्षमता से योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों से टीम वर्क के साथ कार्य करने को कहा साथ ही पिछली लोक अदालत में निराकरण हुए प्रकरणों की संख्या को बढ़ाने कहा।

बैठक में न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल, न्यायाधीश, छत्तीसगढ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति ने भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में मामलों को चिन्हांकित कर उन्हें विधि अनुसार निराकृत करने पर जोर दिया। ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2024 हेतु निर्धारित कैलेण्डर अनुसार आगामी नेशनल लोक अदालत का आयोजन 13 जुलाई 2024 को किया जा रहा है। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि लोक अदालत उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में भी आयोजित किये जाते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/गायत्री प्रसाद/केशव

   

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