मॉडर्न मशीनें ही ट्रैक की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए महत्वपूर्ण

-आईआरटीएमटीसी में 40वें स्थापना दिवस समारोह का भव्य आयोजन

प्रयागराज, 19 मई (हि.स.)। उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य अभियंता ने आज के परिदृश्य में ट्रैक के रख-रखाव के लिए मशीनों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बढ़ते यातायात और गाड़ियों की बढ़ती गति के लिए ट्रैक मशीनों का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने तीस वर्ष पहले और वर्तमान परिस्थिति में सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए बदलती हुई अवस्थाओं पर कहा कि शीघ्र ही 160 किमी प्रति घंटे की ट्रेन गति प्राप्त करने के लिये ये आयातित मॉडर्न मशीनें ही ट्रैक की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

इस अवसर पर संजय अस्थाना प्रधानाचार्य ने प्रशिक्षण केंद्र के 40 वर्षों की यात्रा से अतिथियों को अवगत कराते हुए कहा कि 1965 में आयातित पहली ट्रैक मशीन जिये मतिसा कहते थे, से आज डायनामिक टैम्पिंग एक्सप्रेस जो एक घंटे में 1.6 किमी ट्रैक की टैम्पिंग करती है, तक पहुंच गयी है। आज भारतीय रेलवे के ट्रैक रख-रखाव के लिए 1667 मशीनें पूरे देश मे कार्य कर रही हैं। अगले तीन वर्षों में 30एमटी की धुलाई योजना के परिपेक्ष्य में कुल 3298 मशीनों को ट्रैक रख-रखाव के लिए प्रयुक्त होने की योजना है। यह प्रशिक्षण केंद्र विश्व के तीन और एशिया तथा भारतवर्ष का एकमात्र केंद्र है। जहां देश के कोने-कोने से अभियंता प्रशिक्षण लेने आते हैं। विगत वर्ष में क्षमता से ज्यादा लगभग 136 प्रतिशत प्रशिक्षु सभी 16 जोनल रेलवे से प्रयागराज आये जो कि सर्वकालिक सर्वाधिक संख्या है। वर्तमान में 260 की प्रशिक्षु संख्या को 400 और बढ़ाते हुए नए छात्रावास की योजना रेलवे बोर्ड में प्रस्तावित है। मुख्य अभियंता ट्रैक मशीन गौरव वर्मा ने संस्थान में किये जा रहे कार्यों पर चर्चा की।

वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि इस प्रशिक्षण केंद्र को देश के नवागंतुक अभियंताओं को उच्च तकनीक युक्त ट्रैक मशीनों के प्रशिक्षण उपरांत ट्रैक मशीन इंजीनियर के रूप में देश के विभिन्न भागों के रेलवे में रेलपथ की रख-रखाव करने वाली मशीनों के संचालन के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जाती है। कार्यक्रम का संचालन अंकु आदर्श, मुख्य अनुदेशक ने किया।

इस अवसर पर प्रमुख मुख्य अभियंता ने रेलपथ मशीन पत्रिका का विमोचन भी किया। इस नव पत्रिका विशेषांक रेलपथ मशीनों की डिजिटल मॉनिटरिंगएवं यूजर डिपो मॉड्यूल का रेलवे के इन्वेंटरी कण्ट्रोल में उपयोगिता पर केंद्रित है जिसे सभी आगंतुक सहित उत्तर मध्य रेलवे के अभियंताओं ने बहुत उपयोगी और उत्कृष्ट बताया। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं ने केंद्र की डॉक्यूमेंट्री अजय पटेल के दिशा निर्देश में बनाई एवं प्रस्तुत किया।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/राजेश

   

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