गौतम बुद्ध को फूल अर्पण किये

जम्मू, 22 मई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर बटवाल सभा के सदस्यों ने बुधवार को यहां आयोजित अपनी विशेष बैठक में कहा, गौतम बुद्ध ने जीने के लिए अपने परिवार, राज्य और भव्य जीवन को त्याग दिया और वर्षों तक एक तपस्वी के रूप में घूमते रहे। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने ध्यान सहित कई महत्वपूर्ण चीजें सीखीं, जो अंततः उनके ज्ञानोदय के रूप में विकसित हुईं।

उनके जागरण से, वह जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो गए और तुरंत शांति प्राप्त कर ली। उन्होंने आगे कहा, बुद्ध ने अष्टांगिक मार्ग को आत्मज्ञान के साधन के रूप में वर्णित किया, जैसे नदी पार करने के लिए बेड़ा। बैठक में भाग लेने वाले अन्य लोगों में हंस राज लोरिया, आर.एल.कैथ, राकेश कुमार लखोत्रा और हकीकत राम अनमोल शामिल थे।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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