नटरंग ने एंटोन चेखव के नाटक का हिंदी रूपांतरण ‘उथल-पुथल’ का मंचन किया
- Rahul Sharma
- Jun 10, 2024
जम्मू। स्टेट समाचार
नटरंग ने अपने साप्ताहिक रंगमंच श्रृंखला संडे थियेटर के अंतर्गत रविवार को यहां नटरंग के स्टूडियो थियेटर कच्ची छावनी में एंटोन चेखव द्वारा लिखित और नीरज कांत द्वारा निर्देशित लघुकथा पर आधारित हिन्दी नाटक ‘उथल-पुथल’ का मंचन किया। नाटक के कथानक में व्याप्त भावनात्मक पहलू को दर्शकों ने खूब सराहा। नाटक में दिखाया गया कि रिश्तों में विश्वास और सम्मान कितना जरूरी है। नाटक की कहानी एक युवा लडक़ी ‘मालविका’ के इर्द-गिर्द घूमती है, जो मिसेज माया के घर में पेइंग-गेस्ट के तौर पर रहती है। एक दिन वह कॉलेज से घर आती है और घर में उथल-पुथल देखती है। जब वह अपने कमरे में जाती है, तो देखती है कि उसकी मालकिन अपना सामान खंगाल रही है। मिसेज माया जल्दी में चली जाती है और दूसरी नौकरानी मालविका को बताती है कि एक बहुत महंगा ब्रोच खो गया है और हमेशा संदिग्ध और घमंडी महिला मिसेज माया उसे खोजने के लिए हर किसी की तलाशी ले रही है। उसे किसी की ईमानदारी की कोई परवाह नहीं है और उसकी नजर में सभी चोर हैं। ‘मालविका’ इस बात से बहुत परेशान है कि मकान मालकिन उसकी चीज़ों को देख रही है, जाहिर है उसे चोर समझकर। फिर, रात के खाने पर, माया टिप्पणी करती है कि वह अपने घर में चोरों को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह ‘मालविका’ को परेशान कर देता है, और वह जगह छोडऩे का फैसला करती है। जब वह सामान पैक कर रही होती है, तो घर का मालिक और माया का पति ‘निखिल’ उसके कमरे में आता है और उससे रहने के लिए विनती करता है। फिर वह बताता है कि वास्तव में उसने ब्रोच चुराया था क्योंकि उसके पास पैसे की कमी थी और उसकी दबंग पत्नी ने सारी संपत्ति अपने पास रख ली थी और उसे अपने ही घर में भिखारी बना दिया था। यह मालविका को और भी परेशान करता है जो घर छोडऩे के अपने फैसले पर कायम रहती है क्योंकि ऐसी जगह पर रहने में कोई गरिमा नहीं है जहाँ आपकी ईमानदारी का कोई सम्मान नहीं है और एक ईमानदार व्यक्ति के लिए आत्मसम्मान और गरिमा से बढक़र कुछ भी नहीं है। नटरंग के कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन किया जिसमें निखिल की भूमिका में आदेश धर, मालविका की भूमिका में वृंदा गुजराल, निशा की भूमिका में महक चिब, माया की भूमिका में पायल खन्ना और नौकरानी की भूमिका में सना देवी और ललिता शर्मा शामिल थीं।