काफल ट्रेल से होगी पारंपरिक जंगली उत्पादों के संरक्षण की पहल : विधायक किशोर

नई टिहरी, 23 मई (हि.स.)। टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय 25 मई को काफल ट्रेल शुरू करेंगे। इसके तहत वे काफल उत्पादित क्षेत्रों में काफल तोड़ने के साथ ही काफल के पर्यावरण और लोक पारंपरिक महत्वों को लेकर पहल करेंगे। इस बाबत विधायक ने कहा कि लोक पंरपराओं को जीवंत करने के लिए इससे जुड़े जंगली उत्पादों का संरक्षण भी जरूरी है।

विधायक किशोर अपने आवास पर गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वनाग्नि प्रबंधन, पर्यावरण सरंक्षण और लोक परंपराओं को चिरस्थायी रखने के स्थानीय स्तर पर पहल जरूरी है। उन्हाेंने कहा कि उत्तराखंड में काफल का पर्यावरण और लोक कथाओं को लेकर अलग ही महत्व है। 25 मई को वह सुमन जयंती पर काफल ट्रेल शुरू करेंगे। इसके तहत वह स्वयं पार्टी कार्यकर्ताओं, स्थानीय ग्रामीणों और वन विभाग के साथ काफल प्रदाता क्षेत्रों में जाकर काफल तोड़ेंगे। सबसे बेहतर तरीके से काफल तोड़ने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर इसे लोक परंपरा दिवस के रूप में भी मनाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि काफल, हिंसर, किंगोड़ा, घिंघारू, भमोरा आदि फलों का पहाड़ों में बहुत महत्व है। इनको लेकर हमारे पहाड़ों में लोक परंपराएं विख्यात हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 25 मई को विभिन्न क्षेत्रों में जाकर काफल तोड़ने का कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसे काफल ट्रेल नाम दिया गया है।

उन्होंने कहा कि इन दिनों वनाग्नि विकराल रूप धारण किए हुए है। वनाग्नि से काफल भी जल रहे हैं। ऐसे में वनाग्नि प्रबंधन के लिए काफल को जोड़कर लोगों को वनाग्नि के प्रति आगाह करेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि जहां भी काफल होते हैं, इसकी सूचना उन्हें दें। महिलाओं को काफल से रोजगार मिले, इसके लिए उन्होंने वन विभाग को कार्य योजना बनाने को कहा है। मुख्यमंत्री से भी इस दिशा में कदम उठाने के लिए बात करेंगे। यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन के लिए उत्तराखंड में ऐसे अभियान चलाने जरूरी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/सत्यवान/रामानुज

   

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