अभिमन्यु खजूरिया उधमपुर का पहला कमर्शियल पायलट .


माता-पिता ने बेटे के कमर्शियल पायलट बनने पर जताई खुशी  
उधमपुर । स्टेट समाचार
उधमपुर के निवासी अश्विनी खजूरिया और प्रीति खजूरिया के सपुत्र अभिमन्यु खजूरिया ऊधमपुर के पहले कमर्शियल पायलट बने।  
अभिमन्यु खजूरिया का बचपन से ही सपना था कि एक दिन उनको जहाज उड़ाना है और वह अपने शौक को अनगिनित खिलौना विमान खरीदकर व बाद में कंप्यूटर पर विमानों की गेम्स खेल कर सपने को साकार करने की कोशिश करने लगे पर उन्हें यह भी पता था कि खेलने के साथ उन्हें पढ़ाई भी करनी है। इसके लिए अभिमन्यु खजूरिया को 10वीं के बाद नॉन मेडिकल सब्जेक्ट की पढ़ाई करनी है तभी उनका यह सपना साकार हो सकेगा परंतु माता-पिता उनको डॉक्टर के रुप में देखना चाहते थे पर अभिमन्यु ने अपनी मंजिल तय कर रखी थी और अपने सपने के पंखों की उड़ान को साकार करने में परिवार का साथ मिलने पर अपनी मंजिल को तय कर लक्ष्य  को हासिल किया।
जहां अभिमन्यु खजूरिया ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल से की, वहीं 12वीं की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल से की। उसके बाद वह सी.पी.एल की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए और रेड बर्ड एविएशन एकेडमी से कोचिंग लेकर सभी परीक्षाएं उत्तीर्ण की और कमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया। इसके साथ ही रेड बर्ड एविएशन एकेडमी बारामती में उनको पायलट प्रशिक्षक के रुप में काम करने का मौका मिल गया और अभिमन्यु खजूरिया ने  नए छात्रों को ट्रेनिंग देनी शुरु की। साथ ही साथ एविएशन में ग्रेजुएशन भी की और ए.टी.आर और बोइंग की ट्रेनिंग भी ली। इसके बाद अभिमन्यु ने स्पाईस जेट, एलायंस एयर और इंडिगो एयरलाइंस की प्रवेश परीक्षा भी उत्तीर्ण की परंतु इंडिगो में अपना लक्ष्य और भविष्य देखा और फिर दिल्ली में ट्रेनिंग शुरू हुई।
अभिमन्यु खजूरिया को पता था कि मेहनत के किए बिना लक्ष्य की प्राप्ति आसान नहीं है। अपने लक्ष्य व्यक्ति को खुद ही तय करने चाहिए, क्योंकि अपनी कार्यक्षमता और योग्यता खुद से बेहतर कोई नहीं जानता है। लक्ष्य के बिना काम करने का कोई लाभ नहीं है। लक्ष्य, मेहनत और फिर परिवार का साथ हर व्यक्ति के सपने को पंख देता है यह सिद्ध कर दिखाया ऊधमपुर के अभिमन्यु खजुरिया ने।

 

   

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