प्रोफेसर सत्यकाम ने उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विवि के कुलपति का पदभार संभाला
- Admin Admin
- Jun 07, 2024
![](/Content/PostImages/1_748.jpg)
- मुक्त विश्वविद्यालय बनाएगा अपनी ब्रांडिंग : प्रोफेसर सत्यकाम
प्रयागराज, 07 जून (हि.स.)। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रति कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने शुक्रवार को कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह से उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति का पदभार ग्रहण किया।
इस अवसर पर नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात शत प्रतिशत ले जाने की दिशा में तेजी से कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक विश्वविद्यालय के मेरुदंड हैं। उनके प्रयास से ही यह संकल्प साकार हो पाएगा। हमारे अंदर यह जज्बा होना चाहिए कि हम भी कुछ कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर यह लक्ष्य पूरा कर लिया तो हम मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरेंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारे सामने कोई बाधा नहीं आएगी। हम सभी के सहयोग से इस बाधा को पार कर लेंगे। उन्होंने कहा कि मुक्त विवि अपनी ब्रांडिंग बनाने पर जोर देगा। विश्वविद्यालय में उपलब्ध सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ यहां नामांकित छात्रों को मिलेगा।
इस अवसर पर निवर्तमान कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में इतने लम्बे वर्षों तक कार्य करने के अनुभव का लाभ इस मुक्त विवि को मिलेगा। मुक्त विवि की टीम विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में उनका भरपूर सहयोग करेगी। प्रोफेसर सिंह ने पूर्व कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस विश्वविद्यालय को काफी आगे बढ़ाया। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विवि के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम एवं वर्तमान कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह का स्वागत कुल सचिव कर्नल विनय कुमार ने किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशकों, अधिकारियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इसके उपरांत कुलपति प्रो सत्यकाम ने राजभवन के निर्देश पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विश्वविद्यालय में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की समीक्षा की तथा सेन्टर फॉर ऑनलाइन एजुकेशन का निरीक्षण किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित