ब्रिटिश उच्चायोग के प्रतिनिधिमंडल ने की बीएचयू कुलपति से मुलाकात

-सहयोग के संभावित क्षेत्रों तथा एक दूसरे की विशेषज्ञता से लाभान्वित होने के तरीकों पर विमर्श

वाराणसी, 29 मई (हि.स.)। ब्रिटिश उच्चायोग (नई दिल्ली) में राजनीतिक एवं द्विपक्षीय मामलों की प्रमुख नतालिया लीह की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन से मुलाकात की। ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल के साथ संवाद के दौरान कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय वैश्विक संस्थानों के साथ साझेदारियां विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है। जिससे विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए उन्नति व उत्कृष्टता के नए मार्ग खोले जा सके।

कुलपति ने कहा कि विविध क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता व क्षमता के चलते विश्वविद्यालय सहयोग की अपार संभावनाएं उपलब्ध कराता है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि बीएचयू में विज्ञान, कृषि विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, पशु विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, मानविकी, सामाजिक विज्ञान, संगीत, कला, संस्कृति समेत अनेक विषयों में अध्ययन व अनुसंधान होता है, जिससे इस विश्वविद्यालय की एक विशिष्ट पहचान है।

विद्यार्थियों को केवल विषय विशेष की पढ़ाई के बारे में सीमित न रख कर जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करने की अहमियत बताते हुए प्रो. जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय ने सभी संकायों के स्तर पर विद्यार्थी नेतृत्व विकास, विद्यार्थी कल्याण तथा जीवन कौशल पहल शुरू की हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है। विद्यार्थियों के चौतरफा विकास के कदमों की एक औपचारिक व्यवस्था स्थापित करने के विश्वविद्यालय के प्रयासों के उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं।

बीएचयू को भारत के सबसे प्रतिष्ठित एवं ख्याति प्राप्त संस्थानों में से एक बताते हुए ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी करने के प्रति गहरी दिलचस्पी दिखाई। चर्चा के दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने पर्यावरण, हरित उर्जा, सतत विकास, अंतर्विषयक अनुसंधान, कला एवं संस्कृति समेत कई क्षेत्रों को सूचिबद्ध किया, जिनमें बीएचयू के साथ संभावित सहयोग किया जा सकता है।

नतालिया लीह ने इच्छा जताई कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे उन क्षेत्रों में भी दोनों पक्ष मिलकर कार्य कर सकते हैं, जिनमें भविष्य में काफी संभावनाएं नज़र आती हैं। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने शीवनिंग स्कॉलरशिप तथा स्काउट जैने अनेक कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी साझा की, जिनमें भारतीय छात्र-छात्राएं तथा शोधकर्ता आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि वे अपने सदस्यों को इन कार्यक्रमों में प्रतिभागिता तथा आकर्षक अवसरों का लाभ लेने के लिए प्रेरित करें।

बैठक के दौरान ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने कला संकाय के हिन्दी विभाग के बारे में विशेष रूचि दिखाई। प्रो. आशीष त्रिपाठी ने हिन्दी विभाग में चल रहे पाठ्यक्रमों व शोध गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने ऐसे लघु अवधि कार्यक्रमों के बारे में जानना चाहा, जिनसे भारतीय भाषाओं, संस्कृति एवं कला के बारे में ज्ञान संवर्धन हो सके। दोनों पक्षों ने बीएचयू के शिक्षकों के लिए ब्रिटिश शैक्षणिक संस्थानों द्वारा नेतृत्व विकास कार्यक्रमों तथा विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के आदान प्रदान कार्यक्रम की संभावनाओं के बारे में चर्चा की।

प्रतिनिधिमंडल में ब्रिटिश उच्चायोग में ओबीई मिनिस्टर काउंसलर, राजनीतिक, बेक बकिंघम, तथा ब्रिटिश काउंसिल भारत में एजुकेशन प्रोग्राम एवं साझेदारी के प्रमुख राजेन्द्र त्रिपाठी भी शामिल रहे। बैठक में बीएचयू से कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के समन्वयक प्रो. एस. वी. एस. राजू, अंतरराष्ट्रीय केन्द्र के सह समन्वयक प्रो. राजेश सिंह, तथा ग्लोबल इनिशियेटिव्स ऑफ एकेडेमिक नेटवर्क्स की समन्वयक प्रो. मधु तापड़िया भी शामिल रही।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

   

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