जिस मतदान केंद्र पर नहीं होगी वेब कास्टिंग वहां नहीं होगा वोट, चुनाव आयोग का स्पष्ट निर्देश

कोलकाता, 31 मई (हि.स.) । चुनाव आयोग ने सातवें और आखिरी दौर की वोटिंग में वेबकास्टिंग पर जोर दिया है। आयोग सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को बूथ में वेबकास्टिंग कैमरे बंद होने पर मतदान रोकने को कहा गया है। पीठासीन अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदान के दौरान कैमरे चालू रहे। आयोग ने यह भी कहा कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी कारण से वेबकास्टिंग बंद हो जाती है तो संबंधित पीठासीन अधिकारी को उचित जवाब देना होगा।

आयोग सूत्रों के मुताबिक, अगर पीठासीन अधिकारी का जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो उन्हें तत्काल हटा दिया जाएगा। यहां तक कहा गया है कि अगर इसके पीछे कोई लापरवाही सामने आती है तो पीठासीन अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करने को कहा गया है। आयोग ने यह भी कहा कि सौ फीसदी बूथों पर वेबकास्टिंग होगी। हालांकि, कुछ स्थानों पर वेबकास्टिंग संभव नहीं है। आयोग की भाषा में इसे ''छाया क्षेत्र'' कहा जाता है। उन सभी जगहों पर मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है या बहुत कमज़ोर है। इसलिए अच्छी तस्वीरें नहीं आ पातीं।

आयोग ने दक्षिण 24 परगना के गोसाबा सहित उन सभी बूथों पर पहले ही मतदान कर्मियों और सुरक्षा गार्डों को भेज दिया है, जहां संचार प्रणाली विकसित नहीं है और बूथ तक पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है। लाइव जैकेट उपलब्ध कराया गया है।

सातवें चरण में राज्य की नौ लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। कुल 17 हजार 470 बूथों पर वोटिंग होगी। इनमें से तीन हजार 748 संवेदनशील हैं। आयोग के मुताबिक सातवें दौर में राज्य में केंद्रीय बलों की 967 कंपनियां तैनात की जा रही हैं। राज्य पुलिस के 33 हजार 292 जवान भी तैनात हैं। सातवें चरण में पुलिस पर्यवेक्षकों की संख्या पांच है। सामान्य पर्यवेक्षकों की संख्या 10 है। लागत पर्यवेक्षकों की संख्या 11 है। 16 मार्च से गुरुवार तक आयोग को 40 हजार 462 शिकायतें सौंपी गई हैं। आयोग ने 35 हजार 986 शिकायतों पर कार्रवाई की है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

   

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