करीब 32 महीने पहले भटक कर पाकिस्तान गया शब्बीर लौटा अपने देश

बाड़मेर, 1 जून (हि.स.)। रास्ता भटक कर पाकिस्तान पहुंचा बाड़मेर का शब्बीर (25) वाघा बॉर्डर के रास्ते 32 महीने बाद 29 मई को भारत लौटा है। दो दिन से सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। इसके बाद उसे परिवार के हवाले किया जाएगा। शब्बीर का गांव बाड़मेर में बॉर्डर से दो किलोमीटर दूर है। दरगाह जाने के लिए कहकर वह घर से निकला था।

सेड़वा थाना इंचार्ज दीप सिंह ने बताया कि थाना इलाके के जानपालिया गांव निवासी मुराद खान पुत्र इस्माइल ने 24 अक्टूबर 2021 को थाने में बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में मुराद ने बताया कि उसका 25 साल का बेटा शब्बीर अहमद 23 अक्टूबर 2021 की सुबह 8 बजे से गायब है। शब्बीर घर में कहकर गया था कि वह नजदीकी गोहड़ का तला दरगाह जा रहा है। लेकिन वह दरगाह नहीं पहुंचा। घर से पाकिस्तान बॉर्डर दो किलोमीटर की दूरी पर है, इसलिए परिजनों को चिंता हुई। पुलिस और परिवार के लोगों ने शब्बीर को काफी तलाश किया, लेकिन उसका कहीं कोई सुराग नहीं लगा। जानकारी के अनुसार सेना के पास एक वीडियो आया, जिससे पता चला कि शब्बीर पाकिस्तान में है। सेड़वा थाना पुलिस ने तत्काल बीएसएफ के अधिकारियों से पत्र लिखकर शब्बीर के बारे में जानकारी मांगी। बीएसएफ के अधिकारियों ने पाकिस्तान की सेना के अधिकारियों से शब्बीर के बारे में बात की, लेकिन उनकी ओर से शब्बीर के पाकिस्तान पहुंचने की पुष्टि नहीं की गई।

उधर, वीडियो सामने आने के बाद शब्बीर की पाकिस्तान से वतन वापसी के लिए परिजनों ने प्रशासन व सरकार से गुहार लगाई। शब्बीर के मामा सुभान ने बताया कि शब्बीर का दिमागी संतुलन ठीक नहीं था। इसलिए वह तारबंदी की तरफ चला गया होगा। तारबंदी क्रॉस करके पाकिस्तान पहुंच गया। वह शादीशुदा है और उसके दो बेटियां और एक बेटा है। उसके जाने के बाद से पत्नी फैनल, बच्चों और माता-पिता का बुरा हाल हो गया था। उन्होंने बताया कि हमें 31 मई को बाड़मेर एसपी ऑफिस से सूचना मिली कि 29 मई को शब्बीर की वाघा बॉर्डर (पंजाब) के रास्ते वतन वापसी हो चुकी है। परिवार को अमृतसर (पंजाब) बुलाया गया है। सेड़वा थाना पुलिस की एक टीम परिवार को लेकर अमृतसर पहुंची है। फिलहाल वहां पर डॉक्यूमेंट की कार्रवाई चल रही है। आज शब्बीर को परिवार के हवाले करेंगे।

जानकारी के अनुसार पंजाब में भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने शब्बीर से पूछताछ की है। सेना के सूत्रों के अनुसार बाड़मेर के रेत के टीले हवा से खिसकते हैं। ऐसे में कहीं-कहीं तारबंदी के नीचे जगह बन जाती है। इसका फायदा उठाकर लोग तारबंदी के इस पार या उस पार चले जाते हैं। राजस्थान से गेमराराम भी इसी तरह पाकिस्तान गया था।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

सम्बंधित खबर