सुकमा : पांच लाख के ईनामी सहित आठ नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सुकमा, 2 जून (हि.स.)। जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन ‘‘पूना नर्कोम अभियान’’ नई सुबह, नई शुरूआत एवं अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा कैम्प स्थापना से मिलने वाली सुरक्षा, सुविधा व विकास एवं नक्सली संगठन के साथ लगातार हो रहे मुठभेड़ में मरे जा रहे नक्सलियों के भय से नक्सल संगठन में सक्रिय 04 ईनामी सहित कुल 08 नक्सलियों जिसमें 01.महिला वेट्टी मासे पिता स्व. वेट्टी कोसा पति कवासी सोमडू (मंलगेर एरिया प्लाटून नंबर 24 पार्टी सदस्या, ईनामी 02 लाख रूपये ) निवासी बडे गादम स्कूलपारा थाना कटेकल्यण जिला दन्तेवाड़ा, 02. सागर उर्फ देवा मड़काम पिता स्व. हुंगा (मंलगेर एरिया कमेटी सदस्य, मारोकी पंचायत डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनामी 01 लाख रूपये) निवासी पोरोगादम मारोकी थाना गादीरास जिला सुकमा, 03 महिला सोड़ी तुलसी पति सोड़ी एंका (सिंगाराम आरपीसी केएमएस अध्यक्ष, ईनामी 01 लाख रूपये) निवासी सिंगाराम मड़कमपारा थाना गोलापल्ली जिला सुकमा, 04. पोडियम नंदे पिता स्व0 भीमा (बुर्कलंका आरपीसी केएएमएस अध्यक्ष ईनामी 01 लाख रूपये), निवासी गट्टापाड बडापारा थाना किस्टाराम जिला सुकमा, 05 वेट्टी सुक्का पिता वेट्टी बूधा (कुंजेरास पंचायत मिलिशिया प्लाटून सदस्य) निवासी बडे गादम स्कूलपारा थाना कटेकल्यण जिला दन्तेवाड़ा, 06. वेट्टी हड़मा पिता स्व. पाण्डू (बडे गादम पंचायत जनताना सरकार सदस्य) निवासी बडे गादम स्कूलपारा थाना कटेकल्यण जिला दन्तेवाड़ा (, 07.कवासी देवा पिता हिड़मा (बडे गादम पंचायत जनताना सरकार सदस्य) निवासी बडे गादम स्कूलपारा थाना कटेकल्यण जिला दन्तेवाड़ा एवं 08. कलमू सिंगा पिता स्व0 भीमा (सिंगाराम आरपीसी पंच कमेटी अध्यक्ष) निवासी सिंगाराम जबेली थाना गोलापल्ली जिला सुकमा ने आज रविवार को नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में अनामी शरण, द्वितीय कमान अधिकारी 02 वाहिनी सीआरपीएफ, अनुरंजन डिप्टी कमाण्डेन्ट 226 वाहिनी सीआरपीएफ एवं सपन चौधरी, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स सुकमा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। नक्सली वेट्टी मासे, वेट्टी सुक्का, वेट्टी हड़मा, कवासी देवा को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 226 वाहिनी आसूचना शाखा व थाना कुकानार का स्टाफ एवं नक्सली सागर उर्फ देवा को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 02 री वाहिनी आसूचना शाखा एवं सोड़ी तुलसी, कलमू सिंगा को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में नक्सल सेल इंटेरोगेशन शाखा का विशेष प्रयास रहा है।

सभी आत्मसमर्पित नक्सली नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, आवागमन वाले मार्गों को खोद कर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना, ग्रामीणों से डरा-धमका कर लेव्ही वसूली करना आदि घटनाओं में शामिल रहे है।सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति’’ के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगें।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

   

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