बेमौसम की बारिश ने 17724 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचाया

-फसलों के नुकसान का सर्वे पूरा, सरकार देगी 27.50 करोड़ रुपये की सहायता

अहमदाबाद, 3 जून (हि.स.)। गुजरात के कई क्षेत्रों में 13 से 18 मई को हुई बेमौसम की बारिश से फसलों को व्यापक क्षति हुई। राज्य सरकार ने इसके सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की घोषणा की है। राज्य के 16,177 हेक्टेयर जमीन में फसलों को नुकसान पहुंचा। इसे लेकर 7 जिले के 10,943 किसानों को करीब 27.50 करोड़ रुपये सहायता दी जाएगी।

इस साल मई के मध्य में आंधी-तूफान से राज्य के सूरत, नर्मदा, वलसाड समेत उत्तर गुजरात के साबरकांठा, मेहसाणा, अरवल्ली और मध्य गुजरात के खेड़ा जिले में खेती और बागवानी व फसलों को क्षति पहुंची थी। इसमें आम, केला, गेहूं, जीरा, सौंफ, तम्बाकू, धान, मूंग, तिल, पपीता आदि फसलों का नुकसान पहुंचा था। राज्य सरकार ने फसलों को हुए नुकसान के लिए जिला कृषि विभाग की ओर से सर्वे कराया। इसमें साबरकांठा जिले की इडर और वडाली तहसील में 4268 हेक्टेयर, अरवल्ली जिले की मोडासा, भिलोडा और बायड तहसील में 838 हेक्टेयर, खेड़ा जिले की कपडवंज तहसील में 1479 हेक्टेयर, मेहसाणा जिले की मेहसाणा तहसील, विजापुर, कडी, बेचराजी, खेरालू, वडनगर और विसनगर तहसील में 9591 हेक्टयर जमीन पर नुकसान हुआ। इसके अलावा वलसाड जिले में 73.31 हेक्टेयर जमीन में नुकसान हुआ। जिले में 6 सर्वे टीम ने सर्वे किया जिसमें 12 गांवों में 33 फीसदी से अधिक फसलों को नुकसान हुआ। जिले की 45.3 हेक्टेयर जमीन में खासतौर से आम के फसल को नुकसान पहुंचा था। भरुच, नवसारी, डांग जिले में बागवानी फसलों को व्यापक क्षति हुई थी। सूरत जिले में 5887.40 हेक्टेयर जमीन में फसलों को नुकसान पहुंचा। इसमें 5767.40 हेक्टेयर में सर्वे किया गया। सूरत जिले में 33 फीसदी से अधिक नुकसान वाली जमीन 551 हेक्टेयर का इसमें शामिल किया जाता है। नर्मदा जिले में 12 गांवों में 33 फीसदी से अधिक नुकसान दर्ज किया गया जिसमें कुल भूमि 951 हेक्टेयर थी। राज्य में कुल 11.49 हेक्टेयर जमीन में गर्मी के फसलों की बुवाई की गई है। 22 जिलों में 8.38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गर्मी के फसलों की बुवाई की गई।

यह है सहायता का नियम

सरकार की ओर से किसानों को दी जाने वाली सहायता में बगैर सिंचाई वाली जमीन के लिए 8500 रुपये प्रति हेक्टेयर का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा सिंचाई वाली जमीन के लिए 17000 रुपये प्रति हेक्टेयर, वर्षा आधारित बागवानी की फसलों के लिए 17000 रुपये प्रति हेक्टेयर और बगैर वर्षा आधारित बगावानी फसलों के लिए 22500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/संजीव

   

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