असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल चुनाव जीते

राज्य की दो सीटों पर जीते व एक पर दूसरे नंबर पर रहे गरमपंथी

चंडीगढ़, 4 जून (हि.स.)। पंजाब के दो लोकसभा हलकों में गरमपंथियों की जीत दर्ज कर कई संकेत दिए हैं। असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह अब खडूर साहिब हलके से सांसद होंगे। अमृतपाल सिंह करीब डेढ़ लाख वोटों से विजयी हुए हैं। दिलचस्प बात यह है कि अमृतपाल सिंह नामांकन भरने से लेकर चुनाव जीतने तक एक बार भी जेल से बाहर नहीं आए। उन्होंने जेल में बैठकर ही नामांकन दाखिल किया और चुनाव जीत गए।

राजनीति गलियारे में अमृतपाल की जीत पंजाब के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। अमृतपाल के खिलाफ करीब एक दर्जन मामले दर्ज हैं, जिसका उल्लेख उन्होंने चुनाव लड़ते समय अपने हलफनामा में भी किया है। अमृतपाल सिंह जेल से बाहर आएंगे या नहीं, इसका फैसला हाई कोर्ट करेगा लेकिन पंथक सीट के नाम से मशहूर खडूर साहिब की जनता ने इस बार अकाली दल की विचारधारा को भी त्याग दिया है।

इसके अलावा फरीदकोट लोकसभा सीट से सरबजीत सिंह खालसा की जीत गए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान की इस सीट को लेकर प्रतिष्ठा दांव पर थी। यहां की जनता से सभी राजनीतिक विचारधाराओं को दरकिनार करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे खालसा को 70 हजार से अधिक मतों से विजयी बनाया है। खालसा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे हैं। इससे पहले बेअंत सिंह की पत्नी बिमल कौर भी एक बार चुनाव लड़ जीतकर सांसद बन चुकी हैं।

राज्य में दो सीटों पर जीत के बाद खालिस्तानी विचारधारा को चलाने वाले संगरूर के निवर्तमान सांसद सिमरनजीत सिंह मान खासे उत्साहित हैं। इस चुनाव में सिमरनजीत सिंह मान भले ही हार गए हैं लेकिन उन्हें संगरूर से एक लाख 87 हजार 246 वोट मिले हैं और वह इस बार तीसरे नंबर पर रहे हैं। पंजाब की दो सीटों पर जीत व एक सीट पर मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाने के बाद खालिस्तानी विचारधारा वाले नेताओं को बल मिला है। यह आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील

   

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