माणा और बिरही में विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित किये गए विविध कार्यक्रम

गोपेश्वर, 05 जून (हि.स.)। विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को वन विभाग के तत्वावधान में और विकासखंड जोशीमठ के सहयोग से देश के प्रथम गांव माणा में दुर्लभ हिमालयी भोजपत्र के पौधे लगाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। वहीं स्वास्थ्य विभाग चमोली की ओर से बिरही में पर्यावरण जागरूकता शिविर और वृहद स्तर पर पौधरोपण किया गया।

विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को बद्रीनाथ धाम एवं माणा गांव के आसपास भोजपत्र, देवदार, कैल, खुमानी के चार सौ से भी अधिक पौधे लगाए गए। जिला प्रशासन की ओर से भोजपत्र के संरक्षण और संवर्धन के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भोजपत्र की नर्सरी तैयार कर भोजपत्र का पौधरोपण किया गया।

उप वन संरक्षक सर्वेश कुमार दुबे ने कहा कि इकोसिस्टम को संरक्षित रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए हर व्यक्ति को अधिक से अधिक पौधे लगाने और उनका संरक्षण करने की अपील की।

खंड विकास अधिकारी मोहन जोशी ने कहा कि भोजपत्र का बड़ा ही पौराणिक एवं धार्मिक महत्व है। भोजपत्र के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए नर्सरी तैयार की गई और विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दुर्लभ भोजपत्र के पौधे लगाए जा रहे हैं।

पौधरोपण अभियान में उप वन संरक्षक सर्वेश कुमार दुबे, उप वन संरक्षक वीवी मर्तोलिया, खंड विकास अधिकारी मोहन जोशी, आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी एवं जवान, माणा ग्राम प्रधान पीतांबर मोल्फा, पेड़ वाले गुरुजी धन सिंह घरिया, युवक एवं महिला मंगल दल, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और स्थानीय लोग शामिल थे।

वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग चमोली की ओर से बिरही में पर्यावरण जागरूकता शिविर और वृहद स्तर पर पौधरोपण किया गया। जिला स्वास्थ्य सूचना प्रबंधक उदय सिंह रावत ने स्वस्थ्य जीवन में पर्यावरण के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/सत्यवान/वीरेन्द्र

   

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