हिसार: युवाओं को गुणवत्तापूर्वक उच्च कोटि की शिक्षा पद्धति की नितांत आवश्यकता: डॉ. रमेश आर्य

शिक्षा का अर्थ विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास करना

हिसार, 10 जून (हि.स.)। राजकीय महिला महाविद्यालय में अंग्रेजी एवं वाणिज्य विभागों के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को छह दिवसीय राज्य स्तरीय वर्कशाप का शुभारंभ हुआ। वर्कशाप का विषय-हाउ टू क्रैक यूजीसी नेट है। यह विषय बीए बीकॉम की तृतीय वर्ष, एमए, एमकॉम के विद्यार्थियों के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण एवं लाभदायक साबित होगा।

महाविद्यालय में सोमवार को शुरू हुए इस वर्कशॉप में एमओ यू के तहत राजकीय महाविद्यालय बरवाला के एमकॉम के विद्यार्थियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसका आयोजन आगामी यूजीसी नेट का टेस्ट जो 18 जून को होना है के मद्देनजर किया गया है। इस वर्कशॉप की अध्यक्षता सतीश सिंगला एवं डॉ. प्रियंका सिंगला ने संयुक्त रूप से की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रमेश आर्य ने शिरकत की। डॉ. आर्य ने बताया कि आज भारत के युवाओं को गुणवत्तापूर्वक उच्चकोटि की शिक्षा पद्धति की नितांत आवश्यकता है। एक ऐसी शिक्षा पद्धति जो हमारे युवाओं को नशे से दूर कर सके, जो विद्यार्थियों को कौशल विकास तथा अच्छे संस्कारों से जोड़ सके। एक ऐसी शिक्षा प्रणाली जो विद्यार्थियों को रोजगार देने वाले बनाए ना के रोजगार लेने वाला। उन्होंने बताया कि शिक्षा का अर्थ केवल किताबी ज्ञान से ना होकर विद्यार्थियों का चहुंमुखी विकास करना होता है। आज के संदर्भ में महाविद्यालय या यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का पद सबसे उत्तम है क्योंकि अध्यापक हमें देश के निर्माण के शुद्ध सात्विक कार्य से जोड़ता है।

कार्यशाला में वाणिज्य विभाग से डॉक्टर अनीता ने कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभाई। इस कार्यशाला में कीनोट स्पीकर के रूप में मुकेश कुमार, दिलबाग कुमार, निखिल और प्रियंका ने शिरकत की। यह कार्यशाला ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में छह दिन तक आयोजित की जाएगी। महाविद्यालय की मीडिया प्रभारी ने बताया कि यह कार्यशाला निश्चित तौर पर अपने उद्देयों में सफल होगी और विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभपूर्ण रहेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/संजीव

   

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