राजकमल चौधरी के कुछ अनलिखे पत्र आधारित दस नाटक का हुआ मंचन

सहरसा,14 जून (हि.स.)।हिमालयीय विश्वविद्यालय देहरादून, उत्तराखंड एवं रंगकोसी के संयुक्त तत्वावधान में अभिनय एवं रंग संगीत की कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस अभिनय कार्यशाला के प्रशिक्षकों में रितिका गार्गेय, राजीव रंजन झा एवं विश्वविद्यालय में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर अनुराग वर्मा रहे।इसके साथ ही रंग संगीत प्रशिक्षक के रूप में भी राजीव रंजन झा ने कलाकारों को प्रशिक्षण दिया।

कार्यशाला के समापन के उपलक्ष्य में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा रितिका गार्गेय के निर्देशन में हरिशंकर परसाई के व्यंग्य पर आधारित नाटक ''दस दिन का अनशन'' प्रस्तुत किया गया,जिसका नाट्य रूपांतरण राजीव रंजन झा ने किया।यह नाटक 4 जून को नरेज्यान स्टूडियो भारती आर्टिस्ट कॉलोनी, निर्माण विहार में प्रस्तुत किया गया।उसी दिन राजीव रंजन झा के निर्देशन में बहुभाषी नाटक ''वो दस चिठ्ठियां'' का भी मंचन रंगकोसी के कलाकारों द्वारा किया गया।यह नाटक राजकमल चौधरी के कुछ अनलिखे पत्र पर आधारित है।इसका नाट्य रूपांतरण भी राजीव रंजन झा ने ही किया।नाटक दस दिन का अनशन समाज में व्याप्त बुराइयों को दिखाता हुआ एक व्यंग्यात्मक नाटक है।नाटक के मुख्य पात्रों में शुभम,श्रेया, करण राव, साखी,अपेक्षा वशिष्ठ,सिद्धांत, अंजली, सूरज,उन्नति,अभिषेक आदि थे।

राजकमल चौधरी के ''कुछ अनलिखे पत्र'' पर आधारित नाटक ''वो दस चिट्ठियां'' जो अपने आप में एक अनोखा प्रयोग है, जिसमें लेखक ने उन चिट्ठियों का ज़िक्र किया है जो कभी लिखी ही नहीं गई। निर्देशक ने इसे बड़े सलीके से एक बंधन में पिरोते हुए एक बेहतरीन प्रस्तुति दी।इस नाटक में केवल 5 महिला पात्रों का इस्तेमाल किया गया। कलाकारों में श्रेया,अपेक्षा, साखी,उन्नति और अंजली रहे। दोनों नाटक का सह निर्देशन नीतिश कुमार झा ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

   

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