गंगा दशहरा स्नान से मिलती है दस पापों से मुक्ति : उज्ज्वल पंडित

हरिद्वार, 15 जून (हि.स.)। तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि गंगा दशहरा 16 जून रविवार को मनाया जाएगा। ज्येष्ठ माह की शुक्ल दशमी तिथि पर मां गंगा का अवतरण भूलोक पर हुआ था। राजा भगीरथ की तपस्या पर मां गंगा का अवतरण संसार के कल्याण के लिए हुआ। गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान से हर प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। विशेषतः दस प्रकार के पाप होते हैं। कायिक, वाचिक और मानसिक पापों से मुक्ति मिलती है। जैसे तीन प्रकार के कायिक पाप, चार प्रकार के वाचिक और तीन प्रकार के मानसिक पाप नष्ट हो जाते हैं।

तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने शनिवार को बताया कि गंगा दशहरे के दिन स्नान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इस वर्ष 16 जून को विशेष योगों में गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन रविवार हस्त नक्षत्र 11.13 तक, उसके बाद चित्रा नक्षत्र प्रारंभ होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, वरियन योग, कई वर्षों के बाद एक साथ पड़ रहे हैं। शनि कुंभ राशि पर विराजमान हैं, जो शशयोग का निर्माण कर रहे हैं।

पंडित ने बताया कि गंगा दशहरा पर मां गंगा का विशेष पूजन करें। 10 किलो दूध, 10 दीपक, 10 प्रकार के फूल, 10 प्रकार की मिठाई, 10 पान के पत्ते, 10 प्रकार के फल, 16 मुट्ठी जौ, 10 सुपारी, 10 लौंग, 10 इलायची, काले तिल, रोली, हल्दी, मेंहदी, गुलाल लाल, पीला, गुलाबी, अबीर, इत्र, धूप कलावा आदि से गंगा जी का विशेष पूजन करें। 10 की संख्या में दान करें। 10 ही ब्राह्मण को दान या भोजन कराएं। जल, अन्न, फल, नमक, तेल, चीनी, एक जोड़ा वस्त्र, मिठाई, सोना, चांदी का दान करें। सामर्थ्य हो तो गौ दान या भूमि दान भी कर सकते हैं। तिल के लड्डू का मां गंगा को भोग लगाएं। 10 किलो तिल, 10 किलो जौ और 10 किलो गेहूं, 10 ब्राह्मण को दें। व्रत करें, पूजा पाठ करें, यज्ञ करें, गंगा घाट पर जाएं तो अपने पितरों के निमित्त तर्पण अवश्य करें। संध्या के समय दीप दान करें।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/सत्यवान/वीरेन्द्र

   

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