सोनीपत: गंगा दशहरे पर सतकुंभा में भव्य मेला, हजारों श्रद्धालुओं ने किया स्नान

16 Snp-  सोनीपत: गंगा दशहरे से संबंधित फोटो16 Snp-  सोनीपत: गंगा दशहरे से संबंधित फोटो

-हजारों श्रद्धालुओं ने कुंड में स्नान के बाद इष्ट देवों की पूजा की

-मेले में लगा भंडारा, छबील लगाई, शिविर में 112 लोगों का स्वास्थ्य जांचा

सोनीपत, 16 जून (हि.स.)। हरियाणा के 68 तीर्थों में शामिल सिद्धपीठ सतकुंभा धाम, खेडी गुज्जर में रविवार को ज्येष्ठ के गंगा दशहरे पर भव्य मेला भरा। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर पूजन-अर्चना की। सीताराम बाबा के नाम का भंडारा लगाया, छबील लगाई, शिविर में 112 लोगों का स्वास्थ्य जांचा। पीठाधीश्वर राजेश स्वरुप महाराज से श्रद्धालुओं ने आशीर्वाद लिया।

पीठाधीश्वर राजेश स्वरूप महाराज ने कहा कि ज्येष्ठ के महीने में गंगा दशहरे का पावन पर्व धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में महत्वपूर्ण है। इस दिन गंगा मैया का आगमन हुआ था और इस स्नान और पूजन को पुण्यदायी माना गया है। यह पर्व पापों के नाश और पुण्य की प्राप्ति के लिए शुभ है। सतकुंभा धाम में धार्मिक अनुष्ठान, हवन और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ है। भक्तजन अपने परिवारों के साथ इस धार्मिक मेले में शामिल होकर पुण्य अर्जित किया और रोहतक से आए धनखड़ परिवार ने सवामणी लगाई हैं। सत्यवान स्वरूप जी महाराज ने कहा कि यह मेला धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और क्षेत्र की समृद्ध परंपराओं और आस्थाओं को जीवंत बनाता है।

सिद्धपीठ तीर्थ सतकुंभा धाम के प्रबंधक सूरज शास्त्री ने बताया कि गांव खेडी गुज्जर की ओर से बाबा सीता राम महाराज का छमाही पर भण्डारा लगाया गया। श्रद्धालुओं के लिए ठंडे पानी की छबील भी लगाई गई। एडवोकेट शिवेदू भारद्वाज के साथ आशीष वर्मा, सुमित शास्त्री, सोमबीर शास्त्री आदि ने सेवाएं दी।

निदान पार्क अस्पताल सोनीपत की ओर से गंगा दशहरे के अवसर पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 112 महिला, पुरुष और बच्चों की जांच की गई। डॉ. विकास ने बताया कि गर्मी के मौसम में धूप से बचने की जरुरत है। क्योंकि इससे उल्टी, दस्त, चक्कर आना और रक्तचाप बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने सलाह दी कि ताजा भोजन लें और कटे हुए फल और खुले में रखे सलाद को न खाएं। डॉक्टर रोहित, अनु टेक्नीशियन संतोष, संगीता, और एडमिनिस्ट्रेटर कमल आदि समर्पित सेवा में लगे रहे। यह मेला श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का प्रतीक रहा जिसमें श्रद्धालुओं ने स्नान और दर्शन से अपने पापों का नाश और जीवन में शांति और समृद्धि की कामना की।

हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र/संजीव

   

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