चार दुकानों पर हो रहा था बाल श्रम, टीम ने किया रेस्क्यू, चारों दुकानदारों पर केस दर्ज

फतेहाबाद, 16 जून (हि.स.)। बाल श्रम रोकने को लेकर गठित टीम ने शहर में विभिन्न दुकानदारों पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने 4 दुकानों पर बाल श्रम होते पाया और 4 बालकों को रेस्क्यू कर दुकान मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं।

रविवार को पुलिस को दी शिकायत में बचपन बचाओ आंदोलन, कालका जी, नई दिल्ली निवासी पुनीत शर्मा ने कहा है कि बाल श्रम रोकने को लेकर उसके नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है। उन्होंने बाल श्रम रोकने को लेकर टीम सदस्यों के साथ फतेहाबाद शहर में चैकिंग की। चैकिंग के दौरान उन्हें लाल बत्ती चौक स्थित हुल्शी कन्फैक्शनरी पर बिहार का एक 16 साल का लडक़ा मौज्जम वेटर का काम करते हुए मिला। उसने बताया कि दुकान मालिक राकेश उसे 7500 रुपये प्रति माह वेतन देता है और वह तीन महीने से यहां का कर रहा है।

दुकानदार पूरा दिन काम करवाता है। इसके अलावा टीम ने जवाहर चौक स्थित सेवक ढाबा पर 14 साल के प्रवीन को काम करते पाया। प्रवीन यहां तंदूर पर रोटियां सेंकने का काम कर रहा था। उसने बताया कि वह एक सप्ताह से यहां काम कर रहा है। ढाका मालिक देवीलाल उससे सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक काम करवाता है और 8 हजार मासिक वेतन देने का वायदा किया है। इसके अलावा टीम ने रतिया चुंगी स्थित इनफिल्ड डॉक्टर, मोटर मैकेनिक की दुकान पर 14 साल के गुरप्रीत को बाईक रिपेयर का काम करते पाया। उसने बताया कि वह 3 महीने से यहां काम करता है और दुकान मालिक सचिन सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक काम करवाता है और प्रतिदिन सिर्फ 50 रुपये देता है।

इसके बाद टीम रतिया चुंगी स्थित कन्हैया रसगुल्ला भंडार पर पहुंची। यहां टीम ने 17 साल के संदीप को काम करते पाया। संदीप ने बताया कि वह एक महीने से यहां काम कर रहा है। दुकान मालिक सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक लगातार काम करवाता है और 8 हजार रुपये मासिक देता है। इस पर टीम ने इन चारों बच्चों को रेस्क्यू किया और दुकान मालिकों के खिलाफ बाल श्रम अधिनियम तथा जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

हिन्दुस्थान समाचार/अर्जुन

   

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