भाजपा विधायकों ने निकाय में महापौर व अध्यक्ष का प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने पर जताई सहमति

रायपुर, 16 जून (हि.स.)। प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब नवंबर-दिसंबर 2024 में नगरीय निकाय के चुनाव होने हैं। इसके पहले राज्य सरकार ने अगले चुनाव में नियमों में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। रविवार को राजधानी में भाजपा विधायक दल की बैठक में महापौर और अध्यक्ष के पद के लिए प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराये जाने को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान ज्यादातर विधायक प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने पर सहमति जताई है।

उल्लेखनीय है कि अविभाजित मध्यप्रदेश में 1999 में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार ने राज्य में महापौर चुनने का अधिकार पार्षदों से छीनकर जनता के हाथ में दिया था। तब नगर निगम रायपुर में तरुण चटर्जी पहले महापौर बने थे। वह 2000 से 2003 तक महापौर रहे। इसके बाद हुए तीन चुनावों में भाजपा के सुनील सोनी, कांग्रेस से डॉ. किरणमयी नायक और फिर कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे महापौर बने।

भूपेश सरकार ने पार्षदों को दिया महापौर चुनने का अधिकार

पांच साल पहले भूपेश सरकार ने दिग्जविजय के द्वारा दिए गए अधिकार देने वाले नियम में बदलाव करके जनता से अधिकारी छीन लिया और पार्षदों को महापौर चुनने का अधिकार दिया गया। इस नियम से रायपुर नगर निगम के एजाज ढेबर समेत अन्य निकायों में भी अप्रत्यक्ष अध्यक्ष और महापौर चुने गए थे। वहीं पांच साल बाद प्रदेश की सत्ता में वापसी के बाद अब भाजपा एक बार फिर नियम में बदलाव करने जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल

   

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