कल्लाकुरिची शराब त्रासदी तमिलनाडु सरकार की नाकामी और संवेदनहीनता को दर्शाती है : डॉ.वीरेन्द्र कुमार

नई दिल्ली, 25 जून (हि.स.)। तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में जहरीली शराब पीने से अब तक 59 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। इस त्रासदी के लिए तमिलनाडु सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि मरने वाले लोगों में अधिकांश लोग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ट्रांसजेंडर, पिछड़ा वर्ग, महिला और गरीब वंचित वर्ग से हैं। लेकिन संवेदनहीन राज्य सरकार और द्रमुक-इंडी गठबंधन ने पीड़ित परिवारजनों की सहायता में उदासीनता दिखा रही है और इसके लिए दोषी अपराधियों पर कार्रवाई में देरी भी कर रही है। यह त्रासदी साफ तौर पर राज्य सरकार की नाकामी और संवेदनहीनता को दर्शाती है।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. कुमार ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 23 जून 2024 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर द्रमुक सरकार पर सीबीआई जांच के लिए दबाव डालने को कहा। इसके साथ राज्य के आबकारी मंत्री एस. मुथुसामी को उनके पद से तत्काल हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मई 2023 में इसी प्रकार की अवैध शराब से विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू में 23 लोगों की मृत्यु हुई थी, इसके बाद भी राज्य सरकार नींद से नहीं जागी। एक सप्ताह से अधिक का समय बीतने के पश्चात भी अभी प्रशासन के द्वारा जितनी प्रभावी कार्यवाही की जानी थी, वह नहीं की गयी। राज्य सरकार ने मई 2023 की घटना से कोई भी सबक ना लेते हुए कोई उचित प्रभावी कदम नहीं उठाया, जिससे पुनः यह त्रासदी हुई।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जो स्वयं अनुसूचित जाति समाज से आते हैं, वे कहां हैं? सब जगह संविधान की पुस्तक हाथ में घुमाने वाले कांग्रेस एवं इंडी गठबंधन के वरिष्ठ नेता कहां हैं? क्या दलित, आदिवासी, पिछड़ा केवल चुनाव के नारे हैं। इंडी गठबंधन शासित राज्य तमिलनाडु में जब दलित जहरीली शराब से मर रहे हैं, तो सबकी लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले कांग्रेस एवं इंडी गठबंधन के वरिष्ठ नेता कल्लाकुरिची के पीड़ितों का हाल जानना तो दूर, एक बयान देने में भी असमर्थ हैं।

उन्होंने कहा कि देश में संविधान की दुहाई लेकर केवल क्षुद्र राजनीति करने वाले इंडी गठबंधन के नेता अपनी सरकार के इस अमानवीय और अन्यायपूर्ण कृत्स से आंखें मूंदे हुए हैं। राज्य सरकार का एक आबकारी विभाग है और आबकारी नीति बनी हुई है। इसके बावजूद नकली एवं जहरीली शराब की बिक्री जारी रहना कहीं न कहीं राज्य सरकार तथा प्रशासन की संलिप्तता को प्रमाणित करता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/रामानुज

   

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