मानिकतला उपचुनाव में क्या है तृणमूल की स्थिति, लोकसभा चुनाव में ऐसे थे हालात

कोलकाता, 25 जून (हि.स.)। कोलकाता-उत्तर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सात में से एक मानिकतला विधानसभा क्षेत्र में अगले महीने उपचुनाव होने जा रहा है। मानिकतला पर कब्जा बरकरार रखने में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए मुख्य चिंता हालिया लोकसभा चुनावों में विधानसभावार परिणामों के अनुसार इस निर्वाचन क्षेत्र में जीत का अंतर कम होना है। तीन बार तृणमूल कांग्रेस के विधायक रहे साधन पांडे के निधन के बाद मानिकतला में उपचुनाव हो रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस दिवंगत विधायक की लोकप्रियता के दम पर यह सीट जीतना चाहती है और इसलिए दस जुलाई को होने वाले उपचुनाव में उनकी विधवा सुप्ती पांडे को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर भाजपा ने कल्याण चौबे को फिर से उम्मीदवार बनाया है, जो 2021 में पांडे से हार गए थे। मैदान में तीसरे उम्मीदवार माकपा के राजीव मजूमदार हैं। चुनाव के आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में मानिकतला में तृणमूल कांग्रेस की लोकप्रियता में काफी गिरावट आई है।

2021 में पांडे उस निर्वाचन क्षेत्र से 20 हजार 238 मतों के अंतर से निर्वाचित हुए थे। हालांकि, लोकसभा चुनावों में मानिकतला से तृणमूल कांग्रेस की जीत का अंतर घटकर सिर्फ तीन हजार 575 मत रह गया था।

लोकसभा चुनावों के बाद, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने शहरी मतदाताओं के बीच अपनी घटती लोकप्रियता के पीछे के कारणों की समीक्षा की। कोलकाता-उत्तर लोकसभा के मामले में, जिसमें मानिकतला विधानसभा भी शामिल है, गुटबाजी के कारण पार्टी की लोकप्रियता को झटका लगा है।

अब देखना ये है कि उपचुनाव से पहले पार्टी एकजुट होकर साधन पांडे की विधवा की जीत सुनिश्चित कर पाती है या नहीं। मानिकतला में मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत मात्र 2.4 प्रतिशत है और अनुसूचित जाति/जनजाति मतदाता पांच प्रतिशत से थोड़े कम हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा गैर-बंगाली भाषी है। भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने मतदान के दिन मानिकतला में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 12 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है। मतगणना 13 जुलाई को होगी। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश

   

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