मुख्यमंत्री ने कक्षा-1 में 46 और बाल वाटिका में 37 बच्चों का प्रवेश कराया

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गांधीनगर, 28 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल 21वें राज्यव्यापी कन्या केलवणी महोत्सव और शाला प्रवेशोत्सव-2024 के तीसरे व अंतिम दिन सुरेन्द्रनगर जिले की थानगढ़ तहसील के सुदूरवर्ती सरोड़ी गांव के प्राथमिक स्कूल के प्रवेशोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कक्षा-1 में 21 बालकों एवं 25 बालिकाओं सहित कुल 46 और बाल वाटिका में 20 बालकों तथा 17 बालिकाओं सहित कुल 37 बच्चों का शाला प्रवेश कराया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों सहित सुरेन्द्रनगर जिले के सुदूरवर्ती गांव सरोड़ी ने विकास के अनेक कार्यों के माध्यम से जिले के प्रथम गांव के रूप में अपनी पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कन्या केलवणी महोत्सव और शाला प्रवेशोत्सव जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत की थी। आज ये कार्यक्रम 21वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं, तब इतने वर्षों में जिला, तहसील और ग्रामीण स्तर पर शिक्षा का स्तर काफी बेहतर हो गया है तथा विद्यार्थी स्कूल में अच्छी शिक्षा प्राप्त कर डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं।

राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आदिवासी बेटे-बेटियां भी बहुत ही अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर प्रत्येक बालक अच्छी शिक्षा प्राप्त करे, इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने जो प्रयास किए थे, उसके बेहतर परिणाम आज देखने को मिल रहे हैं। स्कूलों में सौ फीसदी नामांकन के लिए किए जा रहे प्रयास भी सराहनीय हैं। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई ‘नमो लक्ष्मी’ और ‘नमो सरस्वती’ योजनाओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नमो लक्ष्मी योजना कक्षा 9 से 12 में पढ़ने वाली बेटियों के लिए है। योजना के तहत इन सभी कक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाली छात्राओं को चार वर्ष की अवधि में सरकार की ओर से 50,000 रुपए की सहायता दी जाएगी। वहीं, ‘नमो सरस्वती’ योजना कक्षा 11 एवं 12 में अध्ययनरत बेटियों और बेटों दोनों के लिए है। इसके तहत इन दोनों कक्षाओं को पास करने वाले विद्यार्थी को सरकार की ओर से 25 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी। नमो लक्ष्मी योजना का लाभ प्राप्त करने वाली बेटी इस योजना का भी लाभ प्राप्त कर सकती है।

स्कूल में प्रवेश लेने वाले नन्हे बच्चों का उत्साह बढ़ाते हुए हास्य कलाकार पद्मश्री शाहबुद्दीन राठोड़ ने अपने वक्तव्य में कहा कि एक शिक्षक में असीमित शक्तियां निहित होती हैं। सामर्थ्यवान शिक्षक विद्यार्थी के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत कुछ कर सकता है।

इस अवसर पर अतिथियों ने ने आंगनवाड़ी और बाल वाटिका के नन्हे बच्चों को पोषण किट तथा कक्षा-1 से 9 के नए प्रवेशार्थियों को शैक्षणिक किट प्रदान कर उनका स्कूल में प्रवेश कराया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ज्ञान साधना स्कॉलरशिप, नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप में शामिल चार विद्यार्थियों को तथा कक्षा 3 से 8 में प्रथम स्थान पर उत्तीर्ण हुए आठ विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। साथ ही, बेटियों को विद्यालक्ष्मी बॉन्ड और परिपक्वता अवधि के विद्यालक्ष्मी बॉन्ड की राशि के चेक वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने तेजस्वी विद्यार्थियों के साथ संवाद भी किया तथा उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

जिला प्रशासन तथा विभिन्न पदाधिकारियों और अग्रणियों ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह के रूप में तरणेतर की तस्वीर, झालावाड़ी पारंपरिक छतरी, पगड़ी, कोटी, परंपरागत कडियाळी डांग तथा शॉल भेंट कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में जिला कलेक्टर के.सी. संपट, पुलिस अधीक्षक डॉ. गिरीश पंड्या, चोटीला के सहायक कलेक्टर कल्पेश कुमार शर्मा, विधायक शामजी चौहान, थानगढ़ तहसील पंचायत की अध्यक्ष पूनाबेन चावड़ा, अग्रणी हितेन्द्रसिंह चौहान, हार्दिक टमालिया, जयेश पटेल, धीरू सिंधव, करमशी रंगपरा, जीतू पुजारा और मंजूबेन चावड़ा सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/संजीव

   

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