भूकंप पीड़ितों की स्मृति में निर्मित स्मृति वन साढ़े पांच लाख पौधरोपण के साथ दुनिया का सबसे बड़ा मियावाकी फॉरेस्ट बना

- मुख्यमंत्री ने ‘स्मृति वन, एन अनपैरेलल्ड एपोथिओसिस ऑफ कोमेमोरेशन टू 2001 विक्टिम्स ऑफ गुजरात अर्थक्वेक’ कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया

- पुस्तक में वर्ष 2001 के गुजरात भूकंप के बाद भुजिया डुंगर के ट्रांसफॉर्मेशन तथा गुजरात की विकास यात्रा की गाथा का वर्णन

गांधीनगर, 23 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘स्मृति वन, एन अनपैरेलल्ड एपोथिओसिस ऑफ कोमेमोरेशन टू 2001 विक्टिम्स ऑफ गुजरात अर्थक्वेक’ पुस्तक का सोमवार को गांधीनगर में अनावरण किया। गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) द्वारा यह कॉफी टेबल बुक प्रकाशित की गई है। आगामी 26 जनवरी को कच्छ के भूकंप को 23 वर्ष पूर्ण होने से पहले मुख्यमंत्री द्वारा अनावृत हुई इस कॉफी टेबल बुक में वर्ष 2001 के भूकंप के बाद भुजिया डुंगर के ट्रांसफॉर्मेशन तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशादर्शन में हुई गुजरात की विकास यात्रा की गाथा का वर्णन किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशानिर्देशन में भूकंप पीड़ितों की स्मृति में जो स्मृति वन तथा म्यूजियम तैयार किया गया है, उसका लोकार्पण प्रधानमंत्री ने गत अगस्त 2022 में किया था। भुजिया डुंगर पर स्थित स्मृति वन निर्जन भूमि से साढ़े पांच लाख पौधरोपण के साथ दुनिया का सबसे बड़ा मियावाकी फॉरेस्ट बना है। इस पुस्तक में इस उपलब्धि की गाथा प्रस्तुत की गई है। स्मृति वन म्यूजियम को उसके अंतरराष्ट्रीय स्तरीय आर्किटेक्चर तथा प्रदर्शनी डिजाइन के लिए प्राप्त ‘रेडडॉट 2023’ अवॉर्ड, 13वाँ ‘सीआईआई डिजाइन एक्सीलेंस अवॉर्ड 2023’, ‘लंदन डिजाइन अवॉर्ड 2023’, ‘ग्लोबल आर्किटेक्चर डिजाइन अवॉर्ड विनर 2023’ आदि अंतरराष्ट्रीय सम्मान की जानकारी भी इस पुस्तक में समाहित है। कॉफी टेबल बुक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कच्छ क्षेत्र के पुनर्निर्माण तथा पुनर्विकास का विस्तृत निरूपण किया गया है। यह कॉफी टेबल बुक कच्छ के स्वाभिमान तथा जमीर को उभारने के साथ गुजरातियों की शून्य से सृजन करने की क्षमता, आपदा को अवसर में पलटने के स्वभाव की परिचायक है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव पंकज जोशी, राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार, जीएसडीएमए के सीईओ अनुपम आनंद, मुख्यमंत्री की सचिव अवंतिका सिंह, जीएसडीएमए एवं स्मृति वन मेमोरियल के अधिकारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/प्रभात

   

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