हमारे संत हमारी आध्यात्मिक विरासत के चिरस्थायी पथप्रदर्शक हैं : दरख्शां

जम्मू, 1 जुलाई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड (एमओएस) की अध्यक्ष डॉ. सैयद दरख्शां अंद्राबी ने सोमवार को गांदरबल के रायल गुंड का दौरा किया और सैयद जाफर (आरए) की सूफी दरगाह पर मत्था टेका। जनता की मांग पर सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने दरगाह का प्रशासनिक और प्रबंधन नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। डॉ. अंद्राबी ने मुख्य अतिथि के रूप में एक सार्वजनिक स्वागत समारोह में भाग लिया और बाद में स्थानीय लोगों की एक सभा को संबोधित किया।

डॉ. अंद्राबी ने कहा कि रायल गुंड में स्थित इस दरगाह में श्रद्धालुओं के लिए जल्द ही उन्नत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। डॉ. दरखशां ने कहा, हमारी विकास योजनाएं जमीनी स्तर पर आकार लेती हैं और कार्यों का निष्पादन निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाता है। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि साइट पर आवश्यकताओं के अनुसार कार्य पूर्ण पारदर्शी तरीके से किए जाएं। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान, हमारे आध्यात्मिक केंद्रों को पूरे यूटी में बढ़ावा मिला है और जम्मू-कश्मीर में लंबे समय तक अंधेरे के बाद सूफी दरगाह फिर से लोगों की नज़रों में आए हैं। डॉ. दरखशां ने कहा, हमारे आध्यात्मिक संत हमारी विरासत के चिरस्थायी मशाल वाहक हैं और हमें आध्यात्मिक उत्थान के साथ अपने जीवन को समृद्ध करने के लिए उनकी शिक्षाओं का पालन करने की आवश्यकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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