राजभवन में 'एक वृक्ष माँ के नाम' अभियान के तहत पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित

- राज्यपाल ने आज राजभवन में माँ गार्डन का किया उद्घाटन

लखनऊ, 03 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से बुधवार को राजभवन में ”एक वृक्ष माँ के नाम” अभियान के तहत पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री, मालिनी अवस्थी, स्कूली बच्चे तथा राजभवन के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने माँ के नाम से पौधरोपण किया।

पौधरोपण कार्यक्रम में जहाँ राज्यपाल ने सीता अशोक एवं परिजात के पौधे का रोपण किया वहीं अन्य अधिकारियों ने मोलश्री, परिजात, चितवन, गंधराज, श्वेत चम्पा, स्वर्ण चम्पा, अशोक पेंडुला आदि पौधे लगाए। राज्यपाल ने इस उपवन का माँ गार्डन के नाम से नामकरण करते हुए उद्घाटन भी किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पौधे से जब माँ का नाम जुड़ जाता है तो माँ की ममता, परवरिश सब याद आते हैं। पेड़ पौधों को भी संगीत पसंद होता है पेड़ के नीचे संगीत से पेड़ का विकास शीघ्र होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से पूरे देश भर में करोड़ों लोगों द्वारा पौधारोपण किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि पौधों की भी परवरिश करनी होती है, शोधार्थियों से पता चला है कि पौधे प्रतिक्रिया भी देते हैं।

उन्होंने कहा कि जब हम किसी कार्य के प्रति संकल्पित एवं समर्पित होते हैं तो कार्य संपन्न होता है। उन्होंने कहा कि आज हमारी नदियां सूख रही है, पहाड़ गिर रहे हैं ऐसी स्थिति में जब पूरा विश्व संकट का सामना कर रहा है, पौधरोपण आवश्यक है। हमारे द्वारा जल संवर्धन, नदियों को पुनर्जीवित करने के कार्य किए जाने चाहिए।

इस अवसर पर पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि भारतवर्ष की संस्कृति हमें प्रकृति के साथ रहना सिखाती है। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे अपना कर्तव्य सदियों से निभाते आए हैं, वे हमें फल, छाया और आक्सीजन प्रदान करते हैं और बदले में हमसे कोई अपेक्षा नहीं रखते। आषाढ़ के महीने को उन्होंने वृक्षारोपण के लिए आदर्श महीना बताते हुए कहा कि एक ऐसा पर्यावरण बने जहां समावेशिक प्रवृत्ति का विकास हो। पेड़-पौधों कोे जीवन का हिस्सा बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे लोकगीत और लोक कथाएं प्रकृति से जुड़ी हुई है।

अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे ने कार्यक्रम को हर्ष का विषय बताते हुए कहा कि माँ के लिए समर्पित पौधों को परिपक्व होने तक मां के समान ही पालन पोषण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घर के आस-पास पौधरोपण कर उसे माँ की स्मृति में समर्पित करें।

इस अवसर पर राजभवन व भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के बच्चों द्वारा प्रकृति संबंधी गीत प्रस्तुत किए गए व राजभवन के समस्त अधिकारी गणों व कर्मचारियों द्वारा पौधारोपण किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/मोहित

   

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