जीएसटी की विसंगतियों को लेकर व्यापारियों का प्रदर्शन

जीएसटी विसंगतियों के विरोध में प्रदर्शन करते व्यापारी

मेरठ, 03 जनवरी (हि.स.)। जीएसटी की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर बुधवार को व्यापारियों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजकर जीएसटी विसंगतियों को दूर करने की मांग की।

उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश पंजीकृत के प्रांतीय अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापारियों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को संबोधित ज्ञापन में व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी के पोर्टल में आज तक सुधार की प्रक्रिया चल रही है। इसके बावजूद जीएसटी विभाग अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के बजाय व्यापारियों पर 2017-18 के खातों में मिसमैच की आड़ में ब्याज व पेनल्टी वसूल रहा है। इसे तुरंत बंद किया जाए, नहीं तो व्यापार मंडल एक बड़ा आंदोलन छेड़ेगा। संगठन की ओर से प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करके वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजा गया है।

लोकेश अग्रवाल ने कहा कि 2017-18 व 2018-19 जब जीएसटी का पहला वर्ष था, तब बिलों के मैचिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी। 2017-18 और 2018-19 में जीएसटी पोर्टल पर 2ए व जीएसटी 2बी पोर्टल पर चालू नहीं था, सिर्फ 3बी रिटर्न फाइल हो सकती थी। जिस वजह से व्यापारी खरीद के बिल पोर्टल पर चेक नहीं कर सकते थे। खरीद के वास्तविक बिलों के आधार पर 3बी फाइल कर आईटीसी क्लेम की जाती थी। इस कारण आईटीसी मिसमैच हो रही थी।

उन्होंने कहा कि अधिकांश मामलों में मामूली टैक्स का अंतर होने पर भी धारा 73 में कम से कम 10000 एसजीएसटी व 10000 सीजीएसटी की पेनल्टी 100-200 रुपए के अंतर होने पर भी लगाई जा रही है। साथ ही उस पर 18 प्रतिशत ब्याज की मांग भी नोटिस में की जा रही है। इसमें व्यापारी की कोई गलती या कभी आईटीसी मिसमैच होने में नहीं हैै। ऐसे में 2017-18 व 2018-19 के आईटीसी मिसमैच मामलों में सिर्फ टैक्स का अंतर व्यापारी से लिया जाए। पेनल्टी व ब्याज वर्ष 2017-18 व 2018-19 के आईटीसी मिसमैच मामलों में न लगाया जाए। वर्ष 2017-18-19 का आईटीसी मिसमैच मामलों में व्यापारी द्वारा जमा करते गयी पेनल्टी व ब्याज वापस दिया जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/सियाराम

   

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