सिरमौर में स्वास्थ्य विभाग की पहल, दुर्गम इलाके में बर्थ वेटिंग होम की सुविधा से होगा ये बड़ा लाभ

नाहन, 4 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश का सिरमौर जिला अति दुर्गम जिलों में से एक है। यही वजह है कि आधुनिकता की इस दौड़ में अब भी जिला के दुर्गम इलाकों में 5 से 8 प्रतिशत महिलाओं की होम डिलीवरी हो रही है, जो जोखिमपूर्ण भी हो सकता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला में सरकारी अस्पतालों में प्रसूति बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है।

जिला में करीब 90 प्रतिशत प्रसूति अस्पतालों में हो रही है, लेकिन कई दुर्गम इलाके जैसे शिलाई विधानसभा क्षेत्र में इस दिशा में विशेष कार्य किया जा रहा है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थय सुविधा मिलने के साथ-साथ सुरक्षित प्रसव की भी सुविधा मिल सके। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने शिलाई अस्पताल में खास पहल की है। अस्पताल में अब बर्थ वेटिंग होम स्थापित किया गया है। जहां पर गर्भवती महिला प्रसव से एक महीना पहले भर्ती हो सकेगी। यही नहीं संबंधित महिला और उसके एक परिजन की पूरी देखभाल विभाग करेगा और महीने भर का सारा खर्च भी विभाग ही वहन करेगा।

विभाग की इस पहल से दूरदराज के गांवों की महिलाओं को बड़ा लाभ मिलेगा। साथ ही सुरक्षित प्रसूति भी संभव हो पाएगी और जच्चा- बच्चा भी विभाग की निगरानी में रहेंगे।

सीएमओ सिरमौर डॉ अजय पाठक ने बताया कि जिला सिरमौर एक दुर्गम जिला है, जहां बहुत से लोग दूरदराज के इलाकों में भी रहते है। कई जगह ऐसी भी है, जहां एम्बुलेंस की सुविधा भी नहीं मिल पाती है। उन्होंने बताया कि हालांकि जिला के अस्पतालों में बेहतर प्रसूति की सुविधा प्रदान की जा रही है, लेकिन फिर भी 5 से 8 प्रतिशत महिलाएं ऐसी है, जिनकी होम डिलीवरी होती है। इसका मुख्य कारण बताते हुए सीएमओ ने कहा कि संबंधित लोगों को अस्पताल पहुंचने में देरी हो जाती है या फिर वह उस समय अस्पताल आना नहीं चाहते है, जब दर्दे शुरू हो जाती है। इसी समस्या को देखते हुए शिलाई अस्पताल में बर्थ वेटिंग होम स्थापित किया गया है, जिसमें फिलहाल 5 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/ जितेंद्र/सुनील

   

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