छात्रों ने मशरूम खेती पर प्रशिक्षण प्राप्त किया

कठुआ 24 अक्टूबर (हि.स.)। पर्यावरण विज्ञान विभाग और इको क्लब के छात्रों ने मशरूम की खेती पर एक दिवसीय कार्यशाला के लिए कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ का दौरा किया। कार्यशाला में लगभग 40 छात्रों ने भाग लिया और मशरूम की खेती पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।

यह दौरा जीडीसी हीरानगर की प्रिंसिपल डॉ. प्रज्ञा खन्ना के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। सत्र की शुरुआत केवीके कठुआ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अनामिका जमवाल की प्रभावशाली पावर प्वाइंट प्रस्तुति के साथ हुई। उन्होंने मशरूम के प्रकार, उनके मूल्य और मशरूम की खेती के लिए खाद बनाने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने स्पॉनिंग, केसिंग, पिनिंग और क्रॉपिंग की प्रक्रियाओं को बहुत ही रोचक तरीके से समझाया। डॉ. विशाल महाजन मुख्य वैज्ञानिक और प्रमुख केवीके कठुआ ने भी छात्रों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र लिया, जिसमें उन्होंने बहुत विनम्रता और उत्साहपूर्वक छात्रों द्वारा उठाए गए सभी प्रश्नों का उत्तर दिया। उन्होंने छात्रों को स्टार्ट-अप के लिए जाने और उद्यमी बनने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ मशरूम की खेती शुरू करने और कमाई शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि कठुआ जिला मशरूम उत्पादन में अग्रणी है। उन्होंने मशरूम की खेती और अन्य संबद्ध गतिविधियों के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न संभावनाओं और सब्सिडी के बारे में भी जानकारी दी। कार्यशाला में विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। केवीके कठुआ के डॉ. ब्रेजेश अजरावत, डॉ. विशाल शर्मा और अमित ने भी छात्रों से बातचीत की। प्रोफेसर नीरू शर्मा (संयोजक इको-क्लब) ने पूरी यात्रा का समन्वय किया और छात्रों को कॉलेज द्वारा दिए गए सभी अवसरों का लाभ उठाने और जीवन में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। इको-क्लब के सदस्य प्रोफेसर गंगा शर्मा और प्रोफेसर तम्मना राजपूत भी छात्रों के साथ आए और कार्यशाला में उत्साह के साथ भाग लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया

   

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