अयोध्या से आई रामज्योति यात्रा का वाराणसी सीमा पर स्वागत,दर्शन के लिए जुटी भीड़

 रामज्योति यात्रा में शामिल महिलाओं का स्वागत: फोटो बच्चा गुप्ता

-यात्रा में शामिल मुस्लिम महिलाएं बोलीं,हजारों पीढ़ियों से भगवान राम से हमारा नाता,राम मंदिर निर्माण से भारत की दुनिया में साख बढ़ी

वाराणसी,07 जनवरी(हि.स.)। अयोध्या से रामज्योति लेकर वापस वाराणसी लौटीं मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी,डॉ. नजमा परवीन सहित मुस्लिम युवाओं का वाराणसी की सीमा पर रविवार को भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान रामज्योति का दर्शन करने के लिए भीड़ भी जुटी रही। इसके पहले नाज़नीन अंसारी एवं डॉ. नजमा परवीन जब साकेत भूषण श्रीराम मंदिर के महंत शम्भू देवाचार्य से रामज्योति लेकर अयोध्या से वाराणसी के लिये चलीं तो जौनपुर में विभिन्न स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया। जौनपुर की सीमा में रामज्योति यात्रा के प्रवेश करने पर विशाल भारत संस्थान के जिला चेयरमैन नौशाद अहमद , हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र के जिला कोऑर्डिनेटर अल्लाउद्दीन भुल्लन ने अगवानी की और यात्रा को वाराणसी की सीमा तक पहुँचाया। वाराणसी की सीमा पर संस्थान के कार्यकर्ताओं ने बाइक दस्ते के साथ अगवानी की और रामज्योति यात्रा को लमही सुभाष भवन तक पहुँचाया। सुभाष भवन में अफसर बाबा, तबरेज भारतवंशी के नेतृत्व में मुसलमानों ने आरती और तिलक कर यात्रा में शामिल लोगों का स्वागत किया। इसके बाद रामज्योति को सुभाष भवन में रखा गया जहाँ लोग दर्शन कर सकते हैं और 21 जनवरी को रामज्योति ले जाकर अपने घरों को प्रकाशित कर सकते है। फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा कि भगवान श्रीराम का मंदिर संघर्षों और हिंसा से बचाने के लिए प्रेरक के रूप में काम करेगा। मुस्लिम देशों के राष्ट्राध्यक्ष अयोध्या आकर प्रभु श्रीराम का दर्शन कर और श्रीराम के दर्शन को अपने देश में लोगों को बताएं। सत्ता और धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों के लिए रामभक्ति आवश्यक है। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं रामपंथ के पंथाचार्य डॉ. राजीव ने कहा कि केवल भारत रामयुग में प्रवेश नहीं कर रहा है, बल्कि दुनियां को रामयुग में ले जाने का प्रयास कर रहा है। रामपंथ का सूत्र वाक्य सबके राम, सबमें राम ने दुनिया को जोड़ने का सूत्र दिया है। सभी भारतीयों के पूर्वज प्रभु राम हैं, इसलिए सबका कर्तव्य है कि भगवान राम के आगमन की खुशियों को साझा करें। उन्होंने कहा कि राम का रास्ता भारत को पुन: विश्व गुरु का गौरव दिलाने वाला और दुनिया को शांति की ओर ले जाने वाला है। भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक है भगवान राम। त्याग और समर्पण से ही परिवार और देश बनता है। सम्बन्धों को निभाना भी भगवान ने ही सिखाया है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम

   

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