भू कानून की आड़ में राजनीतिक और सामाजिक दलों पर लगाया दबाव बनाने का आरोप

हरिद्वार, 8 जनवरी (हि.स.)। भू कानून की आड़ में 1950 से मूल निवास लागू करने का दबाव सरकार पर डालने का आरोप भाकियू क्रांति ने कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों पर लगाया है। इसके विरोध में 21 जनवरी तक एक बाइक रैली निकाली जाएगी। उक्त जानकारी भाकियू क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी। इसके साथ ही मोहित चौधरी को विधिक सेल का प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया।

रुड़की नवीन मंडी में पत्रकारों से वार्ता में भारतीय किसान यूनियन क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सैनी ने कहा कि उत्तराखंड में भू कानून की आड़ में राजनीतिक पार्टी एवं सामाजिक संगठन 1950 से मूल निवास लागू करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। यह मांग पूरी तरह गलत है। संविधान की मूल धारणा के विपरीत है। संविधान के अनुसार क्षेत्र, भाषा, रंग, जाति, समुदाय के अनुसार भेदभाव किया जाना नागरिक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा एक राज्य में दो प्रमाण पत्र दिया जाना भेदभाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मैदानी क्षेत्र से 20 विधायक उत्तराखंड विधानसभा में जाते हैं और इन्हीं क्षेत्रों में रोजगार के साधन उपलब्ध हैं। सबसे अधिक रेवेन्यू भी इन्हीं क्षेत्रों से जाता है, लेकिन इसके बावजूद यहां के निवासियों को उत्तराखंड का हिस्सा नहीं माना जाता। मैदानी दो जिलों के लोगों को स्थाई निवास उपलब्ध कराया जाता है। जबकि किसानों को भी दो भागों में बांटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक गन्ने की फसल के दाम की घोषणा भी सरकार न नहीं की है।

इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सैनी ने मोहित चौधरी को विधिक सेल का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया और उन्हें नियुक्ति पत्र देते हुए किसानों और मजदूरों के हित में कार्य करने की बात कही।

प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद प्रजापति, राष्ट्रीय महामंत्री फकरे आलम खान, प्रदेश अध्यक्ष अनुज चौहान, महामंत्री गजेंद्र चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष तनुज चौधरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता कुशाल सैनी, प्रदेश उपाध्यक्ष विकास पवार, प्रदेश अध्यक्ष आशीष चौहान, मुकेश पुंडीर आदि लोग मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

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