जसम ने सफदर को समर्पित ''अमृतसर आ गया है'' का किया मंचन

बेगूसराय, 08 जनवरी (हि.स.)। दिनकर कला भवन के रिहर्सल स्पेस में आज रंगकर्मी सफदर हाशमी को याद करते हुए ''वर्चस्व की संस्कृति के खिलाफ प्रतिरोध के लिए'' थीम के साथ रंगनायक द लेफ्ट थियेटर जसम द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए जसम के राज्य उपाध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी प्रमोद यादव ने कहा कि आज वर्चस्व की संस्कृति के खिलाफ प्रगतिशील सांस्कृतिक संगठनों को हल्ला बोलने की जरुरत है। धर्मांधता की गिरफ्त से जनता को बाहर निकलना होगा। इसके लिए गांव, कस्बे और शहर में जनसंवाद रंगयात्रा निकालने की योजना है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी अवधेश सिन्हा एवं साहित्यकार रंगकर्मी प्रदीप बिहारी ने भी सफदर हाशमी को याद किया। भगवान प्रसाद सिन्हा ने सफदर की शहादत को याद करते हुए कहा कि फासीवाद के इस दौर में सफदर की शहादत से प्रेरणा लेते हुए उनके कार्यों को आगे ले जाने की जरुरत है।

इस अवसर पर रंगनायक के विजय कुमार सिन्हा एवं मुकेश कश्यप के द्वारा शंकर शैलेंद्र की मशहूर रचना ''तूं जिंदा तो जिंदगी की जीत पर यकीन कर'' का गायन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। रंगकर्मी प्रमोद यादव ने दो जनगीत ब्रेष्ट की रचना - गर खाली आपकी थाली है तथा संयुक्त मोर्चे का गीत - वे जिंदगी के गीत गाने देते नहीं गाया।

जनपद के कवि रमा मौसम ने काव्य गीत पेश की। कार्यक्रम के अंत में भीष्म साहनी लिखित कहानी ''अमृतसर आ गया है'' का सोलो परफॉरमेंस (स्टोरी टेलिंग) रंग निर्देशक दीपक सिन्हा के निर्देशन में किया गया। अभिनय वरिष्ठ रंगकर्मी निजय कृष्ण पप्पु कर रहे थे तथा साउंड ट्रेक म्यूजिक युवा रंगकर्मी यथार्थ सिन्हा का था।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा

   

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