मुख्यमंत्री ने कार्बी आंगलोंग के लिए 168 करोड़ की योजना का किया उद्घाटन

CM inaugurates project worth 168cr for Karbi Anglong

गुवाहाटी, 8 जनवरी (हि.स.)। कार्बी आंगलोंग में चल रही विकास की कहानी में एक नया अध्याय जोड़ते हुए मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कुल 168 करोड़ रुपये की लागत वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। आज जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें तारालांगसो में तीन हजार लोगों की बैठने की क्षमता वाला सेरटालिन ऑडिटोरियम है, जिसे 10 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। 35 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, डिफू में कासा स्टेडियम में सरसिंग तेरोन लैंगकुंग हाबे बहुउद्देश्यीय खेल परिसर। 75 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित तारालांगसो में काजिर रोंगहांगपी वीआईपी गेस्ट हाउस की विस्तारित शाखा। 5.57 करोड़ की लागत से तारालांगसो में लैंगकुंग फांग मत्स्य पालन के सौंदर्यीकरण, लगभग 2.55 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर तारालांगसो में रंगसिनासर्पो अहोंगजाई स्थायी खुला स्थान बनाया गया। 5.50 लाख, तारालांगसो में कुलेंग अबी मत्स्य पालन का सौंदर्यीकरण, जिसकी लागत दो करोड़ रुपये, 3.78 करोड़ रुपए से तारालांगसो में रोंगबोंग अर्तु, कार्बी कैपिटल कॉम्प्लेक्स की लागत लगभग 6.86 करोड़ रुपये। तारालांगसो में कार्बी पीपुल्स हॉल का भूदृश्य और सौंदर्यीकरण। तारालांगसो में जिरलॉन्ग अरिसो की स्मृति में चेलेंग अथेपेई की लागत लगभग रु. 4.2 करोड़, तारालांगसो में सिंग मिरजेंग वीआईपी गैलरी की लागत 99 लाख, डिफू के रोंगखेलन में नए बाजार परिसर की लागत लगभग 10 करोड़, डिफू में डीएम रोड पर सॉन्ग बे अंतरराज्यीय बस टर्मिनल जिसकी लागत 12 करोड़ और डिफू में ट्रक टर्मिनल की लागत 5 करोड़ रुपए शामिल हैं।

डिफू में आयोजित सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि कार्बी समाज ने हमेशा एक समृद्ध सामाजिक-सांस्कृतिक परंपरा और आस्था की प्राचीन प्रणाली में दृढ़ विश्वास बनाए रखा है। मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि कार्बी की समृद्ध संस्कृतिया रोंगखांग क्षेत्र में उत्पन्न हुईं और यह इस क्षेत्र से है कि कार्बी ने बारह राजधानियों की स्थापना की, जहां से उन्होंने कार्बी नियमों और अनुष्ठानों, परंपराओं और संस्कृति का अभ्यास किया।

मुख्यमंत्री डॉ सरमा ने कहा कि कार्बी समुदाय का इतिहास तीन हजार ईसा पूर्व का है और कार्बी समाज कबीले और पूर्वजों पर आधारित पारंपरिक विश्वास प्रणाली हांघारी आस्था के अभ्यास के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। यह कहते हुए कि किसी समाज के लिए अपनी जड़ों से जुड़ा रहना बेहद जरूरी है, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि कोई भी समाज अपने पैतृक विश्वासों और प्रथाओं से नाता तोड़कर लंबे समय तक प्रगति नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह देखना कार्बी युवाओं का दायित्व है कि उनके समुदाय की पुश्तैनी आस्था समाज में अपनी प्रासंगिकता न खो दे।

इस अवसर पर कार्बी समुदाय के राजा लोंगसिंग रोंगहांग, असम कैबिनेट के मंत्री जोगेन मोहन, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी तुलीराम रोंगहांग, संसद सदस्य होरेन सिंग बे, असम विधान सभा के उपाध्यक्ष डॉ नुमल मोमिन, विधान सभा के सदस्य रूपसिंग टेरोन, डोर्सिंग रोंगहांग, बिद्या सिंग एंगलेंग सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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