समाज में बदलाव के लिए जिम्मेदारी का एहसास जरूरी : प्राचार्या

खूंटी, 8 जनवरी (हि.स.)। रांची विश्वविद्यालय,रांची के एनएसएस समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने सोमवार को बिरसा कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को एनएसएस से संबंधित कई जानकारियों से रूबरू कराया। एनएसएस का मोटो मैं नहीं आप(नॉट मी बट यू) के महत्व को समझाते हुए सहयोग के महत्व को बताया और समाज से व्यक्तिगत प्रयास से कैसे जुड़ा जाता है, की तस्वीर रखी।

मौके पर विद्यार्थियों ने कई सवाल भी किए, जिसके जवाब उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया। इसमें बिरसा कॉलेज के एनएसएस प्रोग्रामिंग ऑफिसर डॉ पुष्पा सुरीन और तारीफ़ लुगुन ने बच्चों को कॉलेज में एनएसएस द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी और वॉलिंटियर बनने के लिए प्ररितकिया। पूर्व एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर प्रो जया भारती कुजूर ने अपनी कार्यवधि में हुए कार्यों की महत्ता और उपलब्धियों की चर्चा करते हुए एनसीसी के साथ इसकी तुलना की तथा बताया कि कार्यशैली में अलग होते हुए भी इनका महत्व एक सा है।

इसके साथ ही नेहरू युवा केन्द्र रांची झारखंड के उपनिदेशक सर्वेंद्र प्रताप सिंह ने विकसित भारत 2047 की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह मुहिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खूंटी से ही प्रारंभ हुआ था। उन्होंने इस विषय पर होने वाली प्रतियोगिताओं की जानकारी भी दी। युवा दिवस के अवसर पर 11 जनवरी से 17 जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह का भी आयोजन होना है। इसके साथ ही बिरसा कॉलेज में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होना है।

कार्यक्रम में कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या जे किड़ो ने सहयोग और सद्भाव के संयोजन से विकसित समाज की रूपरेखा रखी। साथ ही उन्होनें बच्चों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए कहा कि कैसे वह समाज में बदलाव ला सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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