(वाइब्रेंट गुजरात समिट) गुजरात में निवेशित रुपया सुरक्षित और अधिक मुनाफा देगा: हर्ष संघवी

ई-कॉमर्स : बिजनेस ऑन फिंगरटिप्सई-कॉमर्स : बिजनेस ऑन फिंगरटिप्स

-‘ई-कॉमर्स : बिजनेस ऑन फिंगरटिप्स’ पर सेमिनार

- ओएडीपी तथा गुजरात सरकार के बीच हुआ एमओयू

गांधीनगर, 11 जनवरी (हि.स.)। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के दूसरे दिन महात्मा मंदिर में राज्य के गृह एवं उद्योग राज्यमंत्री हर्ष संघवी की अध्यक्षता में ‘ई-कॉमर्स : बिजनेस ऑन फिंगरटिप्स’ विषय पर सेमिनार आयोजित हुआ। इसमें संघवी की उपस्थिति में राज्य के निवेशकों-खरीदारों को प्लेटफॉर्म तथा फिनटेक की सुविधा प्रदान करने को लेकर ओएनडीपी की ओर से चीफ बिजनेस ऑफिसर शिरीष जोशी एवं गुजरात सरकार की ओर से उद्योग विभाग के एडिशनल इंडस्ट्रीज़ कमिश्नर कुलदीप आर्य के बीच एमओयू किया गया।

इस सेमिनार में मंत्री हर्ष संघवी ने उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर वाइब्रेंट गुजरात के 10वें संस्करण आयोजित किया गया है, जिससे राज्य में बड़े पैमाने पर नए रोजगार के अवसरों का निर्माण होगा। वाइब्रेंट गुजरात की सफलता के श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता एवं गुजरातियों के पिछले 20 वर्षों के कड़े परिश्रम को जाता है। उन्होंने जम्मू-कश्मी राज्य के साथ आयोजित हुए सेमिनार का उल्लेख करते हुए कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में भी विकास की नई शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स व्यवसाय केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि आज दूरदराज गांवों में रहने वाले सीनियर सिटीजन भी वस्तुएं ऑनलाइन मंगवाने लगे हैं। ऐसे में ई-कॉमर्स से सामाजिक बदलाव लाने पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के दृढ़ नेतृत्व में समर्थ प्रोजेक्ट के माध्यम से लघु व मध्यम व्यवसायों के साथ सखी मंडलों को जोड़ कर ई-कॉमर्स का सदुपयोग कर गुजरात में अधिकतम रोजगार देने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के आदिजाति बहुल 14 जिलों में हैंडलूम, और हैंडीक्राफ्ट के व्यवसायों को ई-कॉमर्स से जोड़ा गया है, जिसके फलस्वरूप रोजगार-स्वरोजगार के विपुल अवसरों का निर्माण हो रहा है।

मंत्री संघवी ने कहा कि आदिजाति क्षेत्र के निवासियों और छोटे कारीगरों की बनाई जाने वाली वस्तुओं को ई-कॉमर्स पर लाकर उनके जीवन में उजाला फैलाया जा रहा है। संघवी ने कहा कि विदेश के पेमेंट सिस्टम में भारतीय ई-पेमेंट का चलन प्रचलित है। ऐसे में भारतीयों को ई-कॉमर्स के व्यवसाय में सरलता रहती है। राज्य परिवहन (एसटी) निगम की बसों में नकद लेनदेन के कारण यात्रियों को होने वाली मुश्किलों का समाधान लाने के लिए यूपीआई पेमेंट व्यवस्था लागू की गई है, जिससे लगभग 30 लाख यात्रियों को सुविधा प्राप्त हुई है। राज्य की लगभग 2 हजार बसों में यह सुविधा उपलब्ध है तथा अन्य बसों में शीघ्रातिशीघ्र यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने उद्योगकारों का आह्वान करते हुए कहा कि, “निवेश के लिए गुजरात बेस्ट डेस्टिनेशन है। गुजरात में निवेश किया गया रुपया सुरक्षित और अधिक मुनाफा देता है।

इस मौके पर उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि देश की उत्पादन वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत है, जबकि भारत समग्र विश्व में रीटेल मार्केट में चौथे स्थान पर है। वर्तमान में समग्र भारत में 2000 से अधिक ई-कॉमर्स स्टार्टअप कार्यरत हैं। ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के चीफ़ बिजनेस ऑफिसर शिरीष जोशी ने कहा कि वर्तमान में 6000 शहर ओएनडीपी से जुड़े हुए हैं। सभी सेवाएँ विभिन्न एप्लिकेशन का उपयोग करके उंगलियों (फिंगरटिप्स) पर उपलब्ध हैं।

सेमिनार के दूसरे सत्र में, भारत में बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार पर विशेषज्ञों ने ई-कॉमर्स क्षेत्र में टेक्नॉलाजी की भूमिका और बड़े व्यवसायों पर इसके प्रभाव और जमीनी स्तर पर समावेशन के संबंध में व्यापक चर्चा की गई। क्रॉस बॉर्डर पॉलिसी, इको-सिस्टम और ई-कॉमर्स को बढ़ाने के विषय पर चर्चा की गई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंस ऑटोमेशन, साइबर सुरक्षा, डिजिटल प्लेटफॉर्म, ब्लॉक चेन पर विस्तार से चर्चा की गई। इस कार्यक्रम की शुरुआत में अरविन्द लि. के कार्यकारी निदेशक कुलीन लालभाई ने स्वागत उद्बोधन दिया और कार्यक्रम के अंत में गुजरात स्टेट पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लि. के एम. डी. मिलिंद तोरवणे ने धन्यवाद संबोधन दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उद्यमी भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/सुनील

   

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