ट्रेन परिचालन और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए संरक्षा में सुधार

NFR takes mesurs for road and rail safety

- रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज का निर्माण

गुवाहाटी, 11 जनवरी (हि.स.)। मानवयुक्त समपार फाटकों को हटाने के लिए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) एवं रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) का निर्माण कार्य किया जाना भारतीय रेल के सभी जोनों में एक सतत् प्रक्रिया है। समपार (एलसी) को समाप्त करने की प्राथमिकता ट्रेन परिचालनों में संरक्षा, ट्रेनों की गतिशीलता, सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी और व्यवहार्यता आदि के प्रभाव पर आधारित है।

पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने आज बताया है कि वर्ष 2014-2023 (31 दिसंबर, 2023) की अवधि के दौरान पूसीरे के क्षेत्राधिकार के अधीन विभिन्न राज्यों में कुल 219 आरओबी और 640 आरयूबी का निर्माण किया गया था, जिससे ट्रेन आवाजाही की संरक्षा में काफी हद तक वृद्धि हुई है।

चालू वित्तीय वर्ष में, कुल 10 आरओबी का निर्माण किया गया है, जिनमें 05 का निर्माण समपार फाटकों के बदले किया गया और चल रहे नए परियोजना स्थलों पर अन्य 05 का निर्माण किया गया। असम में 06, नगालैंड में 02 और पश्चिम बंगाल एवं बिहार में 01-01 आरओबी का निर्माण किया गया।

इसी अवधि के दौरान पूसीरे के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत चल रहे नए परियोजना स्थलों पर कुल 36 आरयूबी का निर्माण किया गया। बिहार में चल रहे अररिया-गलगलिया नई लाइन परियोजना में 33, नगालैंड में चल रहे डिमापुर-कोहिमा नई लाइन परियोजना में 02 तथा असम में लमडिंग-बरलांगफर सेक्शन पर एक आरयूबी का निर्माण किया गया।

रेल मंत्रालय की नीतियों के तहत ट्रेन परिचालन में संरक्षा सुधार, गतिशीलता बढ़ाने और सड़क पार कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी मानवयुक्त समपार फाटकों को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। आरओबी एवं आरयूबी का निर्माण होने से रेल और सड़क से संबंधित घातक दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/ अरविंद

   

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