सामग्रियों में अब अधिकतम खुदरा मूल्य के साथ यूनिट प्राइस भी लिखना अनिवार्य

रायपुर, 11 जनवरी (हि.स.)।खाद्य विभाग ने बंद खाद्य पैकेटों के साथ ही अन्य सामग्रियों में भी अब अधिकतम खुदरा मूल्य के साथ यूनिट प्राइस भी लिखना जरूरी कर दिया है।विभागीय अधिकारियों के अनुसार ऐसा ना किये जाने पर कानून सम्मत कार्रवाई अगले महीने से जाएगी।

नाप तौल विभाग के नियम के अनुसार जो भी कंपनियां एक किलो से ज्यादा के पैकेट तैयार करती है, वे एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) के साथ ही यूनिट प्राइस (ईकाई मूल्य) भी लिखेंगी। नापतौल अधिकारियों का कहना है कि यूनिट प्राइस देखकर उपभोक्ता विभिन्न कंपनियों के दामों की तुलना कर सकेंगे। इसके साथ ही वजन कम और कीमतें वहीं रखने का खेल भी कम होगा।

उल्लेखनीय है कि खाद्य उपभोक्ता मंत्रालय ने लीगल मेट्रोलाजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम 2011 में संशोधन किया है। इसके अनुसार खाद्य पैकेटों में प्रति ग्राम या प्रति लीटर के दाम भी दाम भी लिखने होंगे। यह नियम अक्टूबर 2022 से लागू होना था, लेकिन कारोबारी समूहों द्वारा समय मांगे जाने के कारण नियम लागू करने की तारीख आगे बढ़ा दी गई। तीन बार तारीख आगे बढ़ाने के बाद एक जनवरी 2024 से इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है।यह नियम केवल एक किलो से अधिक वाले पदार्थों के पैकेटों में लागू होगा।

नापतौल विभाग के उप नियंत्रक सुरेश कुमार देवांगन के अनुसार इस नियम का पूरा फायदा उपभोक्ताओं को होगा। सभी कंपनियों की एमआरपी व यूनिट प्राइस देखकर उपभोक्ता बड़ी आसानी के साथ अपना नुकसान-फायदे का आंकलन कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

   

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