शिशुओं के शारीरिक व मानसिक विकास में कंगारू मदर केयर विधि महत्वपूर्ण

- कार्यशाला के माध्यम से सभी स्टाफ नर्सों को दी गई विधि की जानकारी

वाराणसी,11 जनवरी (हि.स.)। शिशुओं के शारीरिक, मानसिक विकास में कंगारू मदर केयर विधि बेहद महत्वपूर्ण है। कम वजन के नवजात शिशुओं को कंगारू मदर केयर विधि के माध्यम से हाइपोथर्मिया (ठंडा बुखार) से बचाया जा सकता है। यह विधि माँ के अलावा घर का कोई भी सदस्य दे सकता है। गुरूवार को ये जानकारी जिले की स्टाफ नर्सों को कार्यशाला में दी गई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में चिकित्सा इकाइयों की स्टाफ नर्स को लेकर आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला में कंगारू मदर केयर (केएमसी) के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया गया कि इस विधि में त्वचा से त्वचा का संपर्क होने से शिशु को काफी आराम मिलता है और उसका संक्रमण से बचाव होता है। 24 घंटे में कम से कम 20 घंटे केएमसी देना चाहिए और जब भी शिशु को सीने से लगाए तो कम से कम एक से डेढ़ घंटे के तक लगा कर रखना है। केएमसी विधि के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इससे माँ का शिशु के साथ ही परिवार से लगाव बढ़ेगा और उसके स्वास्थ्य व पोषण में भी सुधार होगा। स्टाफ नर्स का मनोबल बढ़ाते हुए सीईएल टीम से यथार्थ श्रीवास्तव और अक्षय कुमार सिंह ने एमएनसीयू के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि जनपद की 12 सरकारी चिकित्सा इकाइयों में स्थापित मातृ व नवजात शिशु देखभाल इकाई (एमएनसीयू) अपनी अहम भूमिका निभा रहीं हैं। कार्यशाला का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में कम्यूनिटी एम्पावरमेंट लैब (सीईएल) संस्था के सहयोग से किया गया।

सीएचसी के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार दुबे के नेतृत्व में सीईएल संस्था की सीमा यादव, आनंद कुमारी यादव और शनि सिंह ने समस्त स्टाफ नर्स को कम वजन के जन्मे शिशुओं को कंगारू मदर केयर विधि से स्वस्थ करने का गुर भी सिखाया।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

   

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