स्वामी विवेकानंद के विचारों को मूर्त्तरूप दे रहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: वीडी शर्मा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने किया युवा दिवस पर आह्वान-अपना लक्ष्य तय करें युवा

भोपाल, 12 जनवरी (हि.स.)। स्वामी विवेकानंद का नाम नरेंद्रनाथ था। स्वामी यानी एक नरेंद्र ने एक सपना देखा था कि भारत माता अपने परम वैभव पर पहुंच रही है। उन्होंने कहा था कि 100 साल बाद भारत फिर विश्व गुरु के आसन पर सुशोभित होगा। उन नरेंद्र के सपने को आज के नरेंद्र यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साकार कर रहे हैं। आज की युवा पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि उसे भारत को विश्वगुरु बनते हुए देखने का अवसर मिल रहा है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने शुक्रवार को आरकेडीएफ कॉलेज में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की एवं छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कही।

अपने गुणों से स्वामी विवेकानंद बने ‘नरेंद्रनाथ’

प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि आज के युवा अलग-अलग क्षेत्रों में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं। कोई डॉक्टर, इंजीनियर बनना चाहता है, तो कोई वैज्ञानिक बनना चाहता है। लेकिन डॉक्टर बनने से पहले यह सोचना जरूरी है कि इस व्यवसाय के लिए जरूरी संवेदनशीलता हमारे अंदर है या नहीं? स्वामी विवेकानंद का विचार कहता है कि डॉक्टर में इतनी संवेदनशीलता होनी चाहिए कि वह बिना पैसे के भी जरूरतमंदों का इलाज कर सके। वीडी शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद काफी संघर्षों के बाद जब शिकागो पहुंचे, तो उन्हें वहां धर्मसभा में बोलने की अनुमति नहीं मिली। काफी अनुनय-विनय के बाद सभा के अंत में इस युवा संन्यासी को कुछ मिनट का समय दिया गया, लेकिन जब स्वामी विवेकानंद ने उपस्थित जनसमुदाय को ‘माई डियर ब्रदर्स एंड सिस्टर्स’ कहकर संबोधित किया, तो भारतीय संस्कारों के इस प्रकटीकरण पर हॉल 10 मिनट तक तालियों से गूंजता रहा। लोग उन्हें अपना व्याख्यान बंद नहीं करने दे रहे थे। लोगों ने तो यहां तक कहा कि आप यहीं रुक जाईये, हम आपके लिए दूसरे कपड़ों का, रहने का इंतजाम कर देंगे। लेकिन स्वामी जी ने कहा था-व्यक्तित्व का निर्माण टेलर की दुकान पर नहीं होता, बल्कि वह तो मन के अंदर होता है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक महिला ने जब स्वामी जी के सामने विवाह प्रस्ताव रखा, तो स्वामी जी ने उसका कारण पूछा। महिला ने कहा कि मैं आपके जैसा उदीयमान पुत्र चाहती हूं, तो स्वामी जी का जवाब था-ऐसा है तो आप मुझे ही अपना पुत्र क्यों नहीं मान लेती हैं? वही स्वामी विवेकानंद जब स्वदेश लौटते हैं, तो जहाज से उतरकर 10 मिनट तक भारत की धरती पर लेटकर उसे चूमते रहे, भारत माता का आलिंगन करते रहे।

अपने कामों से वैश्विक नेता के रूप में उभरे प्रधानमंत्री मोदी

वीडी शर्मा ने कहा कि युवा जो भी बनना चाहें, जरूर बनें, लेकिन यह अवश्य सोचें कि मैं जो भी बनना चाहता हूं उसमें देश और समाज के लिए क्या कर सकता हूं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच ऐसी ही है। उनका हर काम भारत माता को परम वैभव पर पहुंचाने के लिए होता है। वीडी शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में काम शुरू किया। उनसे पहले देश के एक प्रधानमंत्री कहते थे कि जब हम एक रुपया गरीब के लिए भेजते हैं, तो 85 पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस व्यवस्था को बदला और 48 करोड़ से अधिक जनधन खाते खुलवाए। आज सरकार 1 रुपया भेजती है, तो पूरा एक रुपया हितग्राही के खाते में आता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुड गवर्नेंस से लेकर दुनिया में भारत का मान सम्मान बढ़ाने और देश की क्रेडिब्लिटी स्थापित करने के लिए काम किया। वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र पर चलकर उन्होंने कोरोना संकट में दुनिया के गरीब देशों को दवाएं और वैक्सीन दी। यही वजह है कि आज मुस्लिम देशों समेत दुनिया के 76 प्रतिशत से ज्यादा लोग उन्हें सर्वाधिक लोकप्रिय और वैश्विक नेता मानते हैं। उन्होंने कहा कि क्या आपने कोई ऐसा प्रधानमंत्री देखा है, जो मिशन के असफल होने पर इसरो के वैज्ञानिकों को गले लगाता हो और उनके आंसू पोंछकर कहता हो कि चिंता मत करो, मैं आपके साथ खड़ा हूं। कोरोना संकट जब आया, तो दुनिया पर निर्भर रहने की बजाय प्रधानमंत्री जी ने भारतीय वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया, सुविधाएं दीं और उन्हीं वैज्ञानिकों ने एक नहीं, दो-दो विश्व स्तरीय वैक्सीन बनाकर दे दी। वीडी शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने 2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाने का लक्ष्य तय किया है और हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारी पीढ़ी ऐसा होते हुए देख सकेगी।

सपने देखें, लक्ष्य तय करें

प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप सपने जरूर देखें। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम कहते थे- जब तक युवा सपने नहीं देखेगा, लक्ष्य कैसे तय करेगा। इसलिए अपना लक्ष्य तय करें और जहां भी रहें, देश और समाज के लिए सोचें। वीडी शर्मा ने कहा कि लक्ष्यों की पूर्ति में गरीबी कोई बाधा नहीं है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां ने दूसरों के घरों में काम करके उन्हें पाला। लेकिन वही नरेंद्र मोदी आज हमारे प्रधानमंत्री हैं। इसलिए लक्ष्य तय करें, पूरे मन से संकल्प लें और आगे बढ़ें। इस अवसर पर युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार, जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी सहित कॉलेज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा

   

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