रेल पटरियों को बदलने हेतु प्लासर क्विक रिलेइंग सिस्टम का उपयोग

NFR using Plaster Quick Relaying for change the line

गुवाहाटी, 12 जनवरी (हि.स.)। पुरानी रेल पटरियों को बदलने के लिए पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) आधुनिक प्लासर क्विक रिलेइंग सिस्टम (पीक्यूआरएस) मशीन का उपयोग कर रहा है। पीक्यूआरएस एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें स्लीपर सहित पुराने रेल पैनल को हटाकर पूरी तरह से नए रेल पैनल द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है।

पूसीरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने आज बताया है कि चालू वित्त वर्ष में 11 जनवरी तक कुल 125.14 किमी पुरानी रेल पटरियों को नई रेल पटरियों से बदला गया। पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 के दौरान, 110 किमी के लक्ष्य के मुकाबले 121.76 किमी पुरानी रेल पटरियों को नई रेल पटरियों से बदला गया था। यह 10.70 फीसदी की वृद्धि है। चालू वित्त वर्ष में रेलवे बोर्ड द्वारा दिए गए 160 किमी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूसीरे प्राधिकरण पूरी तरह आश्वस्त है।

पीक्यूआरएस में स्व-चालित क्रेन होते हैं और आकार में छोटे होते हैं, जो इसके रखरखाव की लागत को कम करते हैं। इसका उपयोग रेल पटरियों के निर्माण और पुराने का आधुनिकीकरण किया जाता है। इस मशीन से रेल पटरियों को अपेक्षाकृत कम समय में बदला गया। इसलिए, कम समय में ही अधिक रेल को प्रतिस्थापित किया जा सकता है, जिससे ट्रैफिक ब्लॉक में कमी आती है। पुराने रेल पैनल को पीक्यूआरएस मशीन द्वारा कार्य स्थल से पूरी तरह बेस तक वापस लाया जा सकता है, जिसके कारण अतिरिक्त माल ढुलाई नहीं करना पड़ता।

इसमें गुणवत्ता सुनिश्चित करने के अलावा कम समय में इस मशीन की मदद से अधिक काम किया जा सकता है। इससे भविष्य में संरक्षा मजबूत होगी और गति भी बढ़ाई जा सकती है। कंक्रीट स्लीपर का वजन अधिक होने के कारण मैन्युअली तौर पर काम करने में काफी समय लगता था, जबकि आधा किमी का कार्य इस मशीन द्वारा कुछ ही घंटों के ब्लॉक में किया गया। पूसीरे सुरक्षित रेल यात्रा प्रदान करने के अलावा संरक्षा, सुरक्षा और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हिन्दुस्थान समाचार/ श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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