सेवक-रंगपो रेल परियोजना में टनल संख्या टी-07 को ब्रेक थ्रू

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-टनल बनाने का 92 प्रतिशत से अधिक कार्य हुआ पूरा

गुवाहाटी, 03 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिला स्थित सेवक-रंगपो रेल परियोजना (एसआरआरपी) की टनल संख्या टी-7 ने 30 मार्च को ब्रेक थ्रू हासिल किया। पूर्वोत्तर सीमा रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने आज बताया है कि इस परियोजना का यह एक प्रमुख माइलस्टोन है। इस टनल की सफलता के साथ इस परियोजना की 10 टनलों में खनन गतिविधियों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। विशेष रूप से, भारतीय रेलवे नेटवर्क के अधीन पहला भूमिगत रेलवे स्टेशन तीस्ता बाजार स्टेशन इसी सुरंग में है, जो देश में रेलवे के बुनियादी ढांचे की उन्नति में एक अग्रणी कदम है।

मुख्य टनल 3082 मीटर तक फैली हुई है, इसके साथ एक पहुंच टनल भी है। गुफा 650 मीटर तक फैली हुई है, इसके डिजाइन के हिस्से के रूप में एक सिंगल प्लेटफॉर्म है। 800 मीटर पहुँच वाले कुल अडिट लंबाई के साथ इस व्यापक गुफा में छह क्रॉस पैसेज का एक नेटवर्क शामिल है, जो परियोजना के व्यापक पैमाने को प्रदर्शित करती है। यात्रियों की सुरक्षा और आराम को सुनिश्चित करने के लिए, पूरी बारिकी से वेंटिलेशन को उक्त डिजाइन में एकीकृत किया गया है, जिससे भूमिगत स्थान में अनुकूल वातावरण तैयार होगा। पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिला अंतर्गत तीस्ता के पास स्थित यह सुरंग यंगर हिमालय की अतिसंवेदनशील और चुनौतीपूर्ण भूगर्भीय और भूकंपीय स्थितियों से होकर गुजरती है। एसआरआरपी में अन्य सभी टनलों की तरह, भू-द्रव्यमान की भेद्यता का मुकाबला करने के लिए, यहाँ नवीनतम और सबसे सॉफिस्टिकेटेड टनलिंग तकनीक यानी न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग किया गया है।

सेवक (पश्चिम बंगाल) और रंगपो (सिक्किम) को जोड़ने वाली यह सेवक-रंगपो नई रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किमी लंबी है और इसमें 14 टनल, 17 पुल और 5 स्टेशन शामिल हैं। सबसे लंबी सुरंग (टी-10) की लंबाई 5.3 किमी और सबसे लंबा पुल (ब्रिज-17) की लंबाई 425 मीटर है। पूरी परियोजना संरेखण का लगभग 38.64 किलोमीटर टनल से गुजर रहा है। 92.31 प्रतिशत टनलिंग कार्य पूरा हो चुका है।

वर्तमान में टनल टी-14, टी-09 और टी-02 में अंतिम लाइनिंग पूरी हो चुकी है और टनल टी-03, टी-05, टी-06, टी-07, टी-08, टी-10, टी-11 और टी-12 का कार्य प्रगति पर है। अब तक कुल 11.96 किमी लाइनिंग पूरी हो चुकी है। सभी सेक्शनों में दिन-रात कार्य चल रहा है। यह भारत में चल रही सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परियोजनाओं में से एक है और इस परियोजना के पूर्ण होने पर, पहली बार सिक्किम राज्य रेलवे से जुड़ जाएगा। इस रेल नेटवर्क को पूरा करने का उद्देश्य सिक्किम राज्य को वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करना है। वर्तमान में परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए टनलों, पुलों और स्टेशन यार्डों के निर्माण से संबंधित सभी काम-काज युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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