अजमेर जिले के पांच सौ मंदिरों में होंगे प्राण प्रतिष्ठा के समारोह

अजमेर, 12 जनवरी(हि.स)। अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में अजमेर में भी अनेक धार्मिकआयोजन होंगे।

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री शशि प्रकाश इंदौरिया ने मीडिया को बताया कि अजमेर जिले के पांच सौ मंदिरों में 22 जनवरी को धार्मिक कार्यक्रम होंगे। इस दिन इन मंदिरों में टीवी स्क्रीन लगाकर अयोध्या का समारोह दिखाया जाएगा। इसके लिए व्यापक तैयारियां की गई है। अनेक मंदिरों की मरम्मत कराकर साफ सुथरा बनाया गया है ताकि श्रद्धालु धार्मिक आयोजन में भाग ले सकें। इंदौरिया ने बताया कि जिले भर में दीपावली जैसा माहौल बनता जा रहा है। लोग अपने घरों पर सिर्फ पांच दीपक नहीं जलाएंगे बल्कि पचास दीपक जलाने की व्यवस्था की जा रही है। लोगों के उत्साह को देखते हुए ही प्रतीत होता है कि 22 जनवरी को दीपावली पर्व से भी ज्यादा रोशनी देखने को मिलेगी। मंदिरों में साधु संतों के प्रवचन होने के साथ साथ भजनों के कार्यक्रम भी होंगे। सनातन धर्म में भरोसा रखने वाला हर व्यक्ति इस आयोजन से जुड़ गया है। इंदौरिया ने बताया कि हर सनातनी के लिए यह गर्व और सम्मान की बात है कि अयोध्या में जन्म स्थान वाली जगह भगवान राम विग्रह की प्रतिष्ठा हो रही है।

तीन दिवसीय महोत्सव

अजमेर के प्रमुख नया बाजार में तीन दिवसीय महोत्सव मनाने की तैयारी शुरू हो गई है। नया बाजार व्यापारिक एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित ढाणी ने बताया कि 21 से 23 जनवरी तक होने वाले महोत्सव में पूरे बाजार को सजाया जाएगा। बाजार में एक मंच बनाकर लोक नृत्य और धार्मिक भजनों की प्रस्तुति भी दी जाएगी। इसके अलावा 22 जनवरी के दिन प्रसाद का वितरण किया जाएगा। अयोध्या में होने वाले समारोह के महत्व को ध्यान में रखते हुए राम मंदिर की फोटो वाले कैलेंडर का वितरण भी होगा। ढाणी ने बताया कि राम मंदिर को लेकर व्यापारियों में भारी उत्साह और उमंग है। बाजार में दीपावली जैसी रोशनी की जाएगी। इसी प्रकार मदार गेट पर श्याम प्रेम मंडल की ओर से एक हजार एक किलो का हलवा प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाएगा। मंडल के संयोजक विमल गर्ग ने बताया कि 22 जनवरी को मदार गेट पर श्याम बाबा की झांकी प्रदर्शित कर भजन संध्या पर की जाएगी।

सम्मेलन स्थगित

शिक्षक संघ (राधाकृष्णन) का दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन भी स्थगित कर दिया गया है। संघ के अध्यक्ष विजय सोनी ने बताया कि यह सम्मेलन 19 और 20 जनवरी को निर्धारित था, लेकिन राम मंदिर के माहौल को देखते हुए सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने माना कि अभी अधिकांश शिक्षक राम मंदिर के धार्मिक आयोजनों में व्यस्त हैं। इसलिए सम्मेलन में उपस्थिति कम रहने की आशंका है। सोनी ने कहा कि शिक्षक भी सनातन धर्म में भरोसा रखते हैं इसलिए शिक्षकों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए सम्मेलन को स्थगित किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/संदीप

   

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