मप्र के एमएसएमई मंत्री काश्यप ने वाईब्रेंट गुजरात समिट में इन्वेस्टर्स से की वन-टू-वन चर्चा

भोपाल, 13 जनवरी (हि.स.)। अहमदाबाद में हुई वाईब्रेंट गुजरात समिट में मध्यप्रदेश के लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने राज्य में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिये अनेक इंन्वेस्टर्स से वन-टू-वन चर्चा की तथा मध्यप्रदेश में मिलने वाली सुविधाओं तथा संभावनाओं से इंन्वेस्टर्स को अवगत कराया। लीलावती ग्रुप द्वारा इंदौर में हॉस्पिटल खोलने, टाटा पॉवर द्वारा मध्यप्रदेश में सोलर एवं विंड एनर्जी पर कार्य करने, कोरियन ग्रुप द्वारा कोरिया में एक्सपोर्ट की संभावना तथा अनेक केमिकल सेक्टर की कंपनियों द्वारा मध्यप्रदेश में केमिकल प्लांट लगाने के लिये चर्चा हुई। यह जानकारी शनिवार को जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने दी।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एक्जीबिशन सेन्टर पर प्रदेश की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें मध्यप्रदेश में उद्योगों को आकर्षित करने के लिये संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जा रही थी। मंत्री काश्यप ने प्रदर्शनी का भ्रमण कर मध्यप्रदेश में उद्यम संभावनाओं के बारे में जानकारी साझा की।

उन्होंने बताया कि वाइब्रेंट गुजरात समिट में 12 जनवरी को मध्यप्रदेश की ओर से औद्यौगिक विकास एवं निवेश संवर्धन विभाग तथा मध्यप्रदेश लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा विस्तृत प्रजेंटेशन दिया गया। मंत्री काश्यप ने कहा कि मध्यप्रदेश में जिलों के अंदर छोटे-छोटे एवं लघु उद्योगों की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है तथा उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। वृहद औद्यौगिक क्षेत्रों की आश्यकता के लिये एमपीआईडीसी बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। पीथमपुर में तीव्र गति से औद्यौगिकीकरण हुआ है। उद्योगों को और बढ़ावा देने के लिये पीथमपुर के आस-पास और जमीनों को चिन्हित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में उद्योगों का आकर्षण बढ़ा है। देश में जहाँ जीडीपी की दर 7 से 8 प्रतिशत है, वहीं मध्यप्रदेश में जीडीपी की दर 19 से 20 प्रतिशत तक चल रही है। ग्वालियर के आस-पास मालनपुर का विकास हुआ है, यहाँ यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण से मालपुरे की सप्लाई लाईन को फायदा होगा।

मध्यप्रदेश में जमीनों की लागत कम है। उद्योग की प्रारंभिक लागत कम होती है तो उद्योग को आगे बढ़ाने में बहुत अधिक मदद होती है। मध्यप्रदेश में उद्योग के अनुरूप पर्याप्त मेन पॉवर तथा सरलता से बिजली पानी की उपलब्धता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री औद्यौगिकीकरण के लिये सीधे मॉनिटरिंग कर रहे हैं। समयबद्धता का मंत्र मध्यप्रदेश ने सबसे पहले देश को दिया है। हमारे द्वारा उद्योग स्थापना के लिये आवेदन प्राप्त होने पर समय-सीमा में निराकरण किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से उद्योगों को नई दिशा मिली है। मध्यप्रदेश इसमें सबसे आगे है। रतलाम औद्यौगिक पार्क की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी के कर कमलों से रखी गई है, हम जो बात कर रहे हैं, उसके साथ प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी है।

रतलाम के पास से एक्सप्रेस-वे बनने से रतलाम से बड़ौदा की दूरी मात्र 3.30 घंटे में, रतलाम से मुम्बई की दूरी मात्र 7 घंटे में तथा कोटा की दूरी मात्र 3 घंटे में तय की जा सकी है। इंडस्ट्रीय पार्क की एक्सप्रेस-वे से दूरी मात्र 2 कि.मी. है। हम रतलाम इंडस्ट्रीय पार्क में पॉवर सिस्टम प्लान कर रहे हैं साथ ही पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिये डेम से वाटर सप्लाई की जा रही है। पानी की और आवश्यकता होगी तो हम नर्मदा जल लिफ्ट करके रतलाम औद्योगिक पार्क को उपलब्ध करायेंगे। रतलाम का औद्योगिक पार्क दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर इन्वेस्टमेंट रीजन में है। यहाँ डेस्टीनेशन वेडिंग तथा फिल्म उद्योग की भी असीम संभावनायें हैं।

समिट में आये अनेक उद्योगपतियों ने मंत्री काश्यप से वन-टू-वन चर्चा की तथा मध्यप्रदेश में अपने उद्योग लगाने में रूचि दिखाई जिनमें प्रमुख रूप एयर स्कूल, मेडिकल कॉलेज, सोलर पैनल, केमिकल प्लांट, पल्प प्लांट, हाईब्रिड बाईक, आदि इकाईयों से संबंधित उद्योगपति उपस्थित रहे।

वाईब्रेंट गुजरात समिट 2024 में मध्यप्रदेश की ओर से डॉ. नवनीत कोठारी प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश आद्यौगिक केन्द्र विकास निगम, डॉ. राजेश राठौर, कार्यपालक निदेशक, औद्यौगिक केन्द्र विकास निगम, इंदौर, प्रतुलचन्द्र सिन्हा, कार्यपालक निदेशक, औद्यौगिक केन्द्र विकास निगम, इंदौर, शशांक कारपेंटर, कंपनी सेक्रेटरी, मध्यप्रदेश औद्यौगिक केन्द्र विकास निगम, फिक्की से शांतनू त्रिपाठी, दुष्यंत कुमार तथा ईवाई से अभिजीत शुक्ल, वीनू उपाध्याय, सुनील कुमार आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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