राजधानी में गुलदार के हमले के बाद वन विभाग जारी किए निर्देश
- Admin Admin
- Jan 16, 2024
-वन क्षेत्रों में सूर्यास्त से सूर्याेदय के बीच प्रवेश पर सावधानी बरते
देहरादून, 16 जनवरी (हि.स.)। राजधानी देहरादून सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर गुलदार के आबादी वाले क्षेत्रों में घूमने और बच्चों पर हमले की घटनाओं से लोगों में दहशत है। शासन की ओर से मानव वन्यजीव संघर्ष के निवारण के लिए वन क्षेत्रों में सूर्यास्त से सूर्याेदय के बीच अत्यन्त आवश्यक होने पर ही प्रवेश करने और इस अवधि में अत्यन्त सावधानी बरतने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से प्रमुख सचिव वन आर.के.सुधांशु को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना पर कार्य करने और प्रदेश में मानव वन्य जीव संघर्ष की रोकथाम हेतु आमजन मानस में हो जागरूकता का प्रसार करने के निर्देश दिए गये हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में शासन की ओर से वन विभाग के मार्गदर्शन में स्थानीय स्तर पर सहयोग के लिये कतिपय दिशा निर्देश और सुझाव जारी किये गये हैं, जिसमें कहा गया है कि लोग वन्यजीव बाहुल्य वन क्षेत्रों में अकेले जाने से बचें। यथासंभव समूह में जाये और इनसे गुजरते समय विशेष रूप से सतर्क रहे। किसी वन्यप्राणी की उपस्थिति का आभास होने पर अत्यन्त सावधानी बरती जाय। ऐसे क्षेत्रों में सूर्यास्त से सूर्याेदय के बीच अत्यन्त आवश्यक होने पर ही प्रवेश करें और इस अवधि में अत्यन्त सावधानी बरते। नित्य कर्म अथवा अन्य किसी कार्य से अचानक मार्ग के निकट वन में प्रवेश न करें।
बच्चों को समूह में स्कूल आने-जाने को प्रेरित किया जाये। वन क्षेत्रों से जाते समय अपने साथ यथासम्भव मजबूत छड़ी आदि साथ रखें। वन्य प्राणियों से सामना होने पर सावधानी बरते व जल्दी से जल्दी सुरक्षित दूरी बनायी जाये। किसी वन्यप्राणी के दिखने पर यह अवश्य देखा जाये कि वह अकेला है अथवा समूह मे। जो वन्य प्राणी समूह में विचरण करते हैं, उनके बारे में यह सुनिश्चित कर ले कि यदि एक वन्यप्राणी दिख रहा है तो उस समूह के अन्य सदस्य आपके पीछे अथवा आस-पास तो नहीं है। ऐसा किया जाना सुरक्षा की दृष्टि से परम आवश्यक है।
कौतूहलवश अथवा अति उत्साह में किसी वन्यप्राणी के पास जाने एवं फोटो खीचने आदि से बचें। यदि किसी वन्यजीव के साथ उसके बच्चे/शावक साथ हो तो ऐसे में विशेष सावधानी बरते और प्रत्येक स्थिति में ऐसे वन्यजीव से सुरक्षित दूरी बनाये रखें। गौशाला, शौचालय और घरों के आस-पास झाड़ियों की नियमित रूप से सफाई रखे और प्रकाश की व्यवस्था करें। विशेष रूप से वर्षाकाल और शीतकाल में कोहरे के समय ऐसा किया जाना नितान्त आवश्यक है, अन्यथा वन्यप्राणियों को इनके अत्यन्त निकट छुपने की जगह मिल जाती है,जिससे आकस्मिक दुर्घटना की सम्भावना बढ़ जाती है।
उप सचिव वन अनुभाग सत्य प्रकाश सिंह की ओर से महानिदेशक सूचना को संबोधित पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार के कचरे को घर के आस-पास अथवा रास्ते में इधर-उधर न फेंके,उसके निस्तारण की उचित व्यवस्था करे।
इस प्रकार आसानी से उपलब्ध होने वाले भोजन से वन्यप्राणी आकर्षित होते हैं, जिनसे उनके साथ सामना होने की सम्भावना बढ़ जाती है। बंदरों को खाद्य सामग्री कदापि न दी जाय। एक बार सुलभ खाद्य सामग्री की आदत पड़ जाने के बाद यह निडर होकर इसकी खोज में मानव आबादी की ओर आकर्षित होते हैं। इसकी आदत बनने के बाद ऐसे व्यवहार में परिवर्तन लाना अत्यन्त कठिन होता है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज