यूकेएसएसएससी के तत्कालीन सचिव और परीक्षा नियंत्रक को 16 माह बाद मिली जमानत

नैनीताल, 10 फ़रवरी (हि.स.)। उत्तराखंड के बहुचर्चित भर्ती घोटाले में पिछले करीब 16 माह से बंद यूकेएसएसएससी यानी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल एवं परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया को अब खुली हवा में सांस लेना नसीब हो सकेगा। सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों के जमानत के प्रार्थना पत्रों को स्वीकार कर लिया है।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में यूकेएसएसएससी के तीनों प्रमुख अधिकारियों-अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव मनोहर सिंह कन्याल एवं परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया को इस मामले में 8 अक्टूबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था। तब से तीनों जेल में हैं। इधर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी 9 नवंबर 2023 को उनके जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था। इसके बाद बीते जनवरी माह में सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में जमानत का प्रार्थना पत्र दिया गया था।

सचिव की ओर से उत्तराखंड के ही घोड़ाखाल नैनीताल निवासी अधिवक्ता भारत उप्रेती ने सर्वोच्च न्यायालय में सचिव मनोहर सिंह कन्याल के पक्ष में पैरवी की। उप्रेती ने बताया कि उन्होंने इस मामले में दलील दी कि वर्ष 2016 के इस वर्ष 2020 में दर्ज हुए मामले में आरोपितों के अक्टूबर 2022 में गिरफ्तार होने के बाद से 16 माह बीत गये हैं, लेकिन अब तक अभियोजन की ओर से केवल 1 गवाह की ही गवाही हुई है, जबकि मामले में 100 गवाह हैं। इस देरी के आधार पर ही सर्वोच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति एमएस सुंदरेश एवं न्यायमूर्ति एसवीएम भट्टी की खंडपीठ ने सचिव कन्याल के जमानत प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया। इसी तरह इसी खंडपीठ ने परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया को भी जमानत दे दी।

गौरतलब है कि अध्यक्ष आरबीएस रावत का जमानत प्रार्थना पत्र सर्वोच्च न्यायालय में आज भी दाखिल हुई है। जिस पर अगले पखवाड़े सुनवाई होने की संभावना है।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/रामानुज

   

सम्बंधित खबर