वाराणसी में गुरु गोविन्द सिंह महाराज का प्रकाशोत्सव श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया

- गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश एवं शहाना स्वागत से पर्व की शुरुआत

वाराणसी,17 जनवरी (हि.स.)। सिख धर्म के सरवंशदानी दसवें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह महाराज का 357 वां प्रकाशोत्सव बुधवार को गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी की ओर से गुरुद्वारा, गुरूबाग एवं गुरुद्वारा बडीसंगत, नीचीबाग में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया।

दोनों गुरुद्वारों में वाहो प्रगटयो मरद अगंड़ा वरयाग अकेला, वाहो-वाहो गोविन्द सिंह आपे गुरु चेला, के शबद एवं बोले सो निहाल सतश्री अकाल का जयकारा गूँजता रहा। गुरुद्वारों में दरबार साहिब को फूल-मालाओं एवं बिजली झालरों से आकर्षक ढंग से सजाया गया था। सभी साध संगत ने पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को मत्था टेका।

इसके पहले प्रातः 3.45 बजे से 4.15 तक गुरुद्वारा बड़ीसंगत, नीचीबाग में गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश एवं शहाना स्वागत से पर्व की शुरुआत हुयी। फूलों से सजी पालकी में गुरु ग्रंथ साहिब जी की उपस्थिति में गुरू प्रेमियों ने परिक्रमा में भाग लिया। प्रातः 4:15 बजे से 5:00 बजे तक नाम सिमरन व 7:00 बजे तक शबद कीर्तन हुआ। 40 दिन से चल रहे श्री अखण्ड पाठ साहिब जी का लड़ीवार पाठ का समापन, अरदास एवं प्रसाद वितरण हुआ।

इसी तरह गुरुद्वारा, गुरूबाग में सवेरे 9:30 बजे से 2:00 बजे तक कीर्तन दीवान सजा। प्रातः 9:30 से 10:30 बजे तक गुरुनानक इंग्लिश मीडियम स्कूल व गुरूनानक खालसा बालिका इन्टर कालेज, गुरूबाग एवं गुरूनानक इंग्लिश स्कूल शिवपुर के बच्चों ने शबद गायन किया। पूर्वांह 10:30-11:00 बजे तक गुरुद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई रंजीत सिंह कथावाचक ने कथा द्वारा व प्रातः 11:00-12:30 बजे तक सिख धर्म के महान रागी जत्था भाई मेहताब सिंह जालन्धर वाले एवं दोपहर 12:30-2:00 बजे तक भाई सुरजीत सिंह, बंगला साहिब दिल्ली वाले शबद कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया गया। विशिष्ट लोगों एवं बच्चों को सिरोपा देकर सत्कार दिया गया। गुरुद्वारा, गुरुबाग में मुख्य ग्रंथी भाई रंजीत सिंह ने दीवान समाप्ति अरदास की एवं प्रसाद वितरण के साथ गुरू का अटूट लंगर चला।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

   

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