राज्यपाल आनंदीबेन ने जननायक चन्द्रशेखर विवि की कार्यपद्धति पर जताया असंतोष

सभी प्रपत्रों पर रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर आवश्यक रूप से सुनिश्चित कराएं : आनंदीबेन पटेल

लखनऊ, 17 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को राजभवन में बलिया के जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में नैक के लिए दाखिल होने वाली सेल्फ स्टडी रिपोर्ट की समीक्षा की।

उन्होंने बिंदुवार समीक्षा के दौरान एसएसआर को मूल्यांकन बिन्दुओं के अनुरूप न होने, विश्वविद्यालय की टीम में आपसी तालमेल की कमी और सशक्त प्रस्तुतिकरण के अभाव पर गहरी असंतोष व्यक्त की है।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की टीम को कार्य करने की समय सीमा बढ़ाकर शीघ्र-अतिशीघ्र कार्यों को पूर्ण करने, कुलपति द्वारा स्वयं नैक के सभी सदस्यों के साथ प्रत्येक क्राइटेरिया पर मूल्यांकन बिन्दु के कार्यों की सम्पूर्णता का अवलोकन करने, टीम सदस्यों के आपस में जानकारियों का आदान-प्रदान कर एसएसआर को सशक्त करने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. कल्पलता को भी नैक की तैयारियों में आमंत्रित कर उनके कार्यों और अनुभवों से अपनी रिपोर्ट के विवरण को समृद्ध करें। उन्होंने टीम में आईक्यूएसी की चेयरमैन को निर्देश दिया कि वे टीम के प्रत्येक सदस्य को विश्वविद्यालय की सुविधाओं, व्यवस्थाओं, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि से परिचित कराएं, जिससे एसएसआर में सभी उल्लेख समग्रता से हो सके।

राज्यपाल ने आईक्यूएसी चेयरमैन को निर्देश दिया कि वे स्वयं किसी क्राइटेरिया को प्रस्तुत न करें, क्राइटेरिया हेड स्वयं अपना प्रस्तुतिकरण दें। उन्होंने प्रस्तुतिकरण में लगाए गए सभी प्रपत्रों पर रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर आवश्यक रूप से सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।

एसएसआर प्रस्तुतिकरण के दौरान विवरण में विद्यार्थियों की उपलब्धियां और प्लेसमेंट का विवरण, विद्यार्थियों के फीडबैक और उस पर कार्यवाही, संलग्न सभी फोटो मूल्यांकन में मांगी गई जानकारी के अनुकूल और गतिविधि युक्त संलग्न करने, सभी फोटो पर गतिविधि की जानकारी दर्शाने वाले कैप्शन लगाने, विवरण में व्याकरण की अशुद्धियां दूर करने, मेंटर-मेंटी बनाने, विश्वविद्यालय के एमओयू को क्रियाशील करके शीघ्र लाभ प्राप्त करने,विश्वविद्यालय का आगामी पांच साल का और उसके आगे 10 साल का विजन डाक्यूमेंट और स्ट्रेटाजिक प्लान बनाने जैसे विविध महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की बेस्ट प्रैक्टिस की समीक्षा करते हुए गोद लिए गांवों में आंगनवाड़ी किट वितरण के उपरान्त हुए सुधारों का सर्वे कराकर उल्लेख जोड़ने, विश्वविद्यालय द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिए जा रहे विविध प्रशिक्षणों का विवरण अंकित करने को कहा। उन्होंने क्राइटेरिया-4 का पुनर्लेखन करने का निर्देश दिया।

बैठक में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय आई टीम के प्रत्येक सदस्य को दिए गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने और सशक्त एसएसआर तैयार करने को कहा।

उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय की स्थापना 22 दिसम्बर, 2016 में हुई थी और अब विश्वविद्यालय पहली बार नैक ग्रेड प्राप्त करने के लिए तैयारी कर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/राजेश

   

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