गौसंरक्षण एवं गौसंवर्धन को राज्य सरकार ने दी हमेशा प्रथामिकता

बीकानेर, 18 जनवरी (हि.स.)। निदेशालय प्रसार शिक्षा, राजुवास बीकानेर एवं निदेशालय गोपालन, राजस्थान, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में पंजीकृत गौशालाओं के प्रबंधकों एवं डेयरी संचालकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुवार को शुरू हुआ।

उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार ने गौसंरक्षण एवं गौसंवर्धन को हमेशा प्राथमिकता दी है। गौशालाओं को उन्नत वैज्ञानिक प्रशिक्षण, गौउत्पादों के मूल्य संवर्धन एवं गौशालाओं को मिलने वाले अनुदान में बढ़ोतरी करके इनको स्वावलम्बी बनाया जा सकता है।

निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि गौपालन, कृषि आधारित अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है पशुपालक गायों को उत्पादकता कम होने खुले में छोड़ देते है या गौशालाओं में छोड़ आते है, ऐसी स्थिति में गौशालाओं को स्वावलम्बी बनाने के हर सम्भव प्रयास करने चाहिए। गायों के गोबर का प्रसंस्करण कर इसकी उपयोगिता बढ़ाई जा सकती है जो कि आर्थिक उन्नति का आधार वन सकता है। अध्यक्ष गौग्राम सेवा संघ सुरजमल सिंह निमराना ने कहा कि गोपालकों के वैज्ञानिक विधि से प्रशिक्षण से उन्नत गोपालन हेतु मार्ग प्रशस्त होगा। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण में संभाग के बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों के गौशाला संचालक एवं प्रबंधक भाग ले रहे है जिनको विषय विशेषज्ञों द्वारा उन्नत गौशाला प्रबंधन, देशी गौवंश एवं संरक्षण, देशी गौवंश स्वच्छता एवं आवास प्रबंधन, संतुलित आहार, वर्षभर हराचारा, वर्मी कम्पोस्ट, गोबर का मूल्य संवर्धन, अजोला, हाईड्रोपोनिक्स, राज्य सरकार की डेयरी फार्म योजनाएं, गौनस्ल सुधार, पंचगव्य का महत्व आदि विषयों पर व्याख्यान के साथ-साथ आदर्श गौशाला एवं डेयरी भ्रमण करवाया जायेगा। सह-समन्वयक डॉ. मनोहर व डॉ. संजय सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप

   

सम्बंधित खबर