रात्रि शिफ्ट में महिला श्रमिकों को काम करने के लिए मजबूर करने वाले आरोपों को सीटीएम प्रबंधन ने किया खारिज-कहा कुछ बाहरी असामाजिक तत्व जानबूझकर फैला रहे हैं झूठ

कठुआ 19 जनवरी (हि.स.)। बीते गुरूवार को सीटीएम की कुछ पूर्व कामकाजी महिला कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्याओं को लेकर जिला उपायुक्त कठुआ से मिलने जिला सचिवालय गया था, जिसमें महिला कर्मियों ने सीटीएम प्रबंधन पर रात्रि शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था जिसे सीटीएम प्रबंधन ने पूरी तरह से खारिज किया है।

प्रेसनोट के माध्यम से सीटीएम प्रंबधन ने बताया कि सीटीएम की कुछ पूर्व कामकाजी महिला कर्मियों के साथ कुछ असामाजिक तत्व बीते कल उपायुक्त कठुआ के कार्यालय के बाहर एकत्र हुए थे और आरोप लगाया कि उन्हें सीटीएम प्रबंधन द्वारा रात्रि शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सीटीएम प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई स्थिति नहीं है और रात्रि शिफ्ट में काम करने वाली महिला कर्मियों ने अपनी समझ से अपनी सहमति दे दी है। सीटीएम प्रबंधन ने आगे स्पष्ट किया कि सीटीएम को रात्रि शिफ्ट में महिला श्रमिकों को नियुक्त करने के लिए सरकारी प्राधिकरण से मंजूरी मिली थी। उन्होंने कहा कि हम केवल उन्हीं महिलाओं को रात्रि शिफ्ट में नियुक्त कर रहे हैं जो स्वेच्छा से रात्रि शिफ्ट में काम करने के लिए अपनी सहमति दे रही हैं। सीटीएम ने आगे स्पष्ट किया कि कुछ बाहरी असामाजिक तत्व जानबूझकर झूठी खबर फैला रहे हैं कि सीटीएम सरकारी प्राधिकरण से मंजूरी लिए बिना जबरन महिला श्रमिकों को रात की शिफ्ट में नियुक्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीटीएम प्रबंधन सभी को एक समान मानते हुए राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है और तदनुसार सभी श्रमिकों को कानूनी ढांचे के भीतर एक समान सुविधा प्रदान की जा रही है।

हिन्दुस्थान/समाचार/सचिन//बलवान

   

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